मुशर्रफ को मौत का खौफ ! वतन वापसी के कोई आसार नहीं
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की आतंक रोधी अदालत ने पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा करार दिया है। पाकिस्तान के शायद वह पहले जनरल हैं जिन्हें कोर्ट ने किसी आपराधिक मामले में भगोड़ा करार दिया है। बुधवार को ही उन्हें एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त किया था। यह मामला बहुचर्चित वरिष्ठ बलूच नेता नवाब अकबर खान बुग्ती की हत्या से जुड़ा था।
इस मामले में जहां मुशर्रफ को कोर्ट ने बड़ी राहत दी थी वहीं इस फैसले से स्विटजरलैंड में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे बुग्ती के बेटे ब्रहृमदाग बुग्ती को काफी निराशा हुई। मुशर्रफ ने 1999-2001 तक मुख्य कार्यकारी और 2001-2008 तक राष्ट्रपति के रूप में शासन किया था। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या मुशर्रफ अदालत का सामना करने के लिए स्वदेश वापस आएंगे। कोर्ट से भगोड़ा घोषित होने के बाद बड़ा सवाल यह है कि क्या दुबई में निर्वासित जीवन जी रहे मुशर्रफ कोर्ट का सामना करने के लिए वापस स्वेदश आएंगे।
हालांकि रक्षा जानकार इस बात से इंकार नहीं करते हैं कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुशर्रफ पर काफी हद तक नकेल डालने का काम किया था। जानकार यह भी मानते हैं कि नवाज और मुशर्रफ का हमेशा से ही छत्तीस का आंकड़ा रहा है। लिहाजा यह कहा जा सकता है निकट भविष्य में उनके स्वदेश वापसी की संभावना काफी कम है। उनमें खौफ की एक वजह यह भी है कि उनके ऊपर जितने मामले चल रहे हैं उनमें उन्हें मौत की सजा तक हो सकती है । विदेश मामलों के जानकार कमर आगा ने कहा कि निकट भविष्य में मुशर्रफ की वतन वापसी के कोई आसार नजर नहीं आते हैं।
इसकी कुछ खास वजहों में यह भी है कि मौजूदा समय में सेना नहीं चाहती है कि मुशर्रफ वापस आकर किसी तरह की सक्रिय राजनीति में हिस्सा लें। दूसरी बात ये है कि सेना यह भी नहीं चाहती है कि किसी जनरल को कोर्ट से सजा का सामना करना पड़े। इससे उसकी छवि को भी नुकसान पहुंच सकता है। उनका यह भी मानना है कि निकट भविष्य में पाकिस्तान की राजनीति जिस करवट बैठती दिखाई दे रही है उसमें कट्टरपंथियों की आमद बढ़ेगी और सेक्युलर पार्टियां जो भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने को इच्छुक हैं, वह धीरे-धीरे हाशिए पर पहुंच जाएंगे। लिहाजा निकट भविष्य में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी अब एक प्रश्नचिन्ह लग गया है। आने वाले समय में वह भी हाशिए पर दिखाई देंगे।
बेनजीर हत्याकांड में अदालत ने मुशर्रफ की संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया है। अदालत ने दस साल बाद दिए फैसले में दो पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें 17 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा इस मामले आरोपी बनाए गए 5 अन्य को कोर्ट ने बरी कर दिया है। शुरू में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रमुख बैतुल्ला महसूद पर हत्या का आरोप लगा था। मुशर्रफ सरकार ने कुछ ऑपरेटरों के साथ मसूद की बातचीत के टेप जारी किए थे। हालांकि स्वदेश वापसी को लेकर खुद मुशर्रफ स्थिति साफ नहीं कर सके हैं। उन्होंने कई बार वतन वापसी की बात जरूर की है, लेकिन कानूनी शिकंजा कसने के चलते वह इससे गुरेज करते नजर आए हैं।