गुरुवार का गुडलक लगाएगा व्यापारिक घाटे पर अंकुश
गुरुवार दि॰ 7.09.17 को आश्विन कृष्ण द्वितीया को दूज पर द्वितया श्राद्ध मनाया जाएगा। द्वितया तिथि का विधिवत श्राद्ध करने से जाने-अनजाने में किए हुए पापों से मुक्ति मिलती है, व्यक्ति के अशांत मन को शांति मिलती है तथा व्यापार में निरंतर चल रहे घाटे पर अंकुश लगता है।
श्राद्ध विधि: पितृगण के निमित गौघृत का दीप करें, सुगंधित धूप करें, पीपल का पत्ता, हरिद्रा व पीत चंदन और केले चढ़ाएं। पूड़ी, केसर की खीर व सात्विक सब्जी का भोग लगाएं। पितरों के निमित नारायण का ध्यान करते हुए भागवत गीता के दूसरे अध्याय का पाठ करें व उनके निमित इस विशेष पितृ मंत्र का यथा संभव जाप करें। निमंत्रित ब्राह्मणों का सत्कार कर भोजन करवाएं। पीतल का पात्र, पीला वस्त्र, व उचित दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें।
द्वितया श्राद्ध मुहूर्त: द्वितीय तिथि गुरुवार दि॰ 07.09.17 दिन 11:52 से शुरू होकर शुक्रवार दी 08.09.17 को प्रातः 10:43 तक रहेगी। श्राद्ध हेतु श्रेष्ठ तीन मुहूर्त इस प्रकार हैं; कुतुप दिन 11:53 से दिन 12:43 तक, रौहिण दिन 12:43 से दिन 13:33 तक, अपराह्न दिन 13:33 से दिन 16:02 तक।
पितु निमित विशेष मंत्र: ॐ नारायणाय नमः॥
मुहूर्त विशेष
अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:53 से दिन 12:43 तक।
अमृत काल: नहीं है।
वर्जित यात्रा महूर्त: दिशाशूल – दक्षिण। नक्षत्रशूल – उत्तर। राहुकाल वास – दक्षिण। अतः उत्तर व दक्षिण दिशा की यात्रा टालें।
आज का गुडलक ज्ञान
गुडलक कलर: बादामी।
गुडलक दिशा: पूर्व।
गुडलक टाइम: शाम 17:29 से शाम 18:56 तक।
गुडलक मंत्र: ॐ पीताम्बरधराय नमः॥
गुडलक टिप: मानसिक शांति के लिए धार्मिक व्यक्ति को मौसम्बी दान करें।
गुडलक फॉर बर्थडे: अच्छी सेहत के लिए किसी साधू-संन्यासी को बेसन दान करें।
गुडलक फॉर एनिवर्सरी: घर में बरकत हेतु दंपति लाल कपड़े में सोना बांधकर तिजोरी मे रखें।