रेरा में न्याय नहीं सिर्फ तारीख

भोपाल । सरकारी हाउसिंग एजेंसियों के साथ प्राइवेट बिल्डर्स न तो ग्राहकों को समय पर पजेशन दे रहे हैं और न पैसा लौटा रहे। रेरा में परेशान ग्राहकों के रोजाना 20 से 30 मामले आ रहे हैं। इनकी सुनवाई तो नियमित हो रही है। वकीलों की बहस हो रही है। कई मामलों में बहस पूरी भी हो चुकी है। लेकिन रेरा ने अंतिम आदेश के बजाय फैसला सुरक्षित रख लिया है। क्योंकि किसी मामले में आदेश पारित करने के लिए जरूरी कोरम रेरा के पास नहीं हैं। रेरा चेयरमैन और तकनीकी मेंबर के पद रिक्त हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 50 दिनों में करीब 1000 से अधिक मामलों में यह हुआ है। या तो बहस के बाद अगली तारीख दे दी गई। अगर बहस पूरी भी कर ली गई तो फैसला सुरक्षित रख लिया गया।
बिल्डर के खिलाफ आदेश दिया, नहीं हो रही कुर्की
जितेंद्र अवस्थी ने बताया कि उन्होंने 2011 में आदिनाथ बिल्डर्स पारस इन्क्लेव में फ्लैट लिया था। बिल्डर ने 2015 में पजेशन का वादा किया। हमने 5.60 लाख बतौर अग्रिम दे दिए। लेकिन 2019 तक भी पजेशन नहीं मिला। हम जैसे 22 ग्राहक थे। इनमें से कई तो 8 साल से ईएमआई चुका रहे हैं। हमने रेरा का दरवाजा खटखटाया। रेरा ने बिल्डर को मय ब्याज बुकिंग राशि वापस देने के आदेश दिए। लेकिन उसने यह आदेश नहीं माना। इसके बाद प्राधिकरण ने कलेक्टर भोपाल को पत्र लिखकर भू फाटक के बकाया के रूप में राशि बिल्डर से वसूलने का निर्देश जारी किया। लेकिन अब तक हमें पैसा नहीं मिला।
 

Leave a Reply