ट्रंप की एशिया यात्रा में छिपा है गहरा राज
वॉशिंगटनः अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 3 अक्तूबर से 11 दिवसीय एशिया दौरा शुरू हो रहा है। इस दौरान वह चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और फिलीपींस जाएंगे। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो ट्रंप के इस दौरे में बेहद गहरा राज छुपा है। उनका यह दौरा जहां एक तरफ उत्तर कोरिया को शांत बने रहने के लिए साफ संकेत होगा, वहीं दूसरी तरफ चीन के लिए भी इसमें मैसेज होगा। ट्रंप इस दौरान वियतनाम और फिलीपींस भी जा रहे हैं। ये दोनों ही देश चीन के विरोधी उन गुटों में शामिल हैं जो दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करते आए हैं।
ट्रंप की यात्रा में आने वाले सभी देशों पर गौर करें तो चीन, जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा बेहद खास होने वाला है। क्योंकि जहां चीन और दक्षिण कोरिया की सीमा उत्तर कोरिया से लगती है वहीं जापान से उसकी समुद्री सीमा लगती है। पिछले कुछ वर्षों से जारी तनाव के बाद उत्तर कोरिया से सबसे बड़ा खतरा भी जापान और दक्षिण कोरिया को ही है। लिहाजा इन तीन देशों की यात्रा के दौरान ट्रंप जहां उत्तर कोरिया काे सीधे तौर पर चेतावनी देंगे, वहीं इन देशों को उनकी सुरक्षा के लिए आश्वस्त भी कर सकते हैं। मुमकिन है कि ट्रंप की जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं से मिसाइलों की तैनाती को लेकर कुछ विशेष बातचीत हो। साथ हीवह उत्तर कोरिया के परीक्षणों को रोकने के लिए भी चर्चा कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि डोनाल्ड ट्रंप साफ कर चुके हैं कि उत्तर कोरिया से शांति के लिए अब कोई वार्ता नहीं होगी। उन्होंने अपने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को स्पष्ट शब्दों में कहा कि वार्ता के लिए अब वक्त बबार्द करना बंद कर दें। इसका एक अर्थ यह भी हो सकता है कि वह उत्तर कोरिया को उसकी ही भाषा में जवाब देने के लिए तैयार हो रहे हों और इसके ही लिए वह चीन, जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा कर रहे हों। मुमकिन है कि उनकी यह यात्रा दक्षिण कोरिया और जापान में अपनी तैयारियों के बीच चीन को इसके लिए मनाने की वजह से ही की जा रही हो। राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद ट्रंप की इन देशों में यह पहली यात्रा है।