दुबई जेल में बंद 10 भारतीयों की रिहाई अब इस बात पर टिकी है, जानिए क्या?
इस मामले में सोमवार को हुई सुनवाई में बचाव पक्ष की ओर से दुबई स्थित ग्रैंड होटल के मालिक और सरबत का भला ट्रस्ट के प्रमुख सुरिंदर पाल सिंह ओबराय और उनके वकील अदालत में पेश हुए।
एसपी सिंह ओबराय ने कहा कि उन्होंने अपने वकील के माध्यम से अदालत को बताया कि इस संबंध में मृतक पाकिस्तान के पेशावर स्थित गांव खैबर के रहने वाले मोहम्मद फरहान के परिवार के साथ ब्लड मनी के संबंध में बातचीत की गई है।
उनके दल के कुछ सदस्य पेशावर के रहने वाले मृतक मोहम्मद फरहान के परिवार से उनके घर मिले और वहां पर परिवार के साथ ब्लड मनी की बात की। यह परिवार ब्लड मनी के लिए मान गया है।
अब 27 फरवरी को होगी मामले की सुनवाई
अब अदालत ने उनको 27 फरवरी का समय दिया है। ओबराय ने कहा कि अदालत से दो माह का समय मांगा गया था। इसमें मृतक परिवार के साथ पूरी बातचीत हो सके कि उन्हें ब्लड मनी कितनी देनी है।
वह इसी सप्ताह उनके साथी पेशावर में रहने वाले मृतक मोहम्मद फरहान के परिवार से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि अदालत ने उनको 27 फरवरी तक का समय दिया है और कहा है कि वह परिवार के साथ बातचीत करके ब्लड मनी के तौर पर पैसे कितने देने है और समझौते के कागजात पेश करें।
यह था मामला
दस जुलाई 2015 की रात को अलैन शहर में शराब की अवैध तस्करी को लेकर पाकिस्तानी और भारतीय गुटों में मारपीट हुई थी। इस मारपीट के दौरान एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई थी और दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अलैन की पुलिस ने मामला दर्ज कर 11 भारतीयों को जुलाई 2015 को गिरफ्तार कर लिया था।
इन भारतीयों में एक कुलदीप सिंह को दो लाख दराम जुर्माना लगा कर रिहा कर दिया था। इसी मामले में सतविंदर सिंह, चंद्र शेखर, चमकौर सिंह, कुलविंदर सिंह, बलविंदर सिंह, धर्मवीर सिंह, हरजिंदर सिंह, तरसेम सिंह, गुरप्रीत सिंह, जगजीत सिंह को अदालत ने दिसंबर 2016 में फांसी की सजा सुना दी थी।