कश्मीर में कांग्रेस की बजाय मोदी राज में 3 गुना ज्यादा जवान शहीद: RTI में खुलासा

पानीपत. जम्मू-कश्मीर में सीजफायर वॉयलेशन और क्रॉस बॉर्डर फायरिंग में कांग्रेस के मुकाबले मोदी सरकार में 3 गुना ज्यादा जवान शहीद हुए। यह खुलासा गृह मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) में पूछे गए सवाल पर किया है। 2011 से 2014 तक 13 जवान तो 2015 से सितंबर 2017 तक 39 जवान शहीद हुए। भारत-चीन सीमा पर अभी तक कितने सैनिक शहीद हुए, इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई। यह आरटीआई हिसार के नरेश सैनी ने 29 अगस्त को लगाई थी।2015 से सितंबर 2017 तक 39 जवान शहीद हुए…

– सैनी ने सवाल पूछा था कि आतंकवाद और बॉर्डर पर घुसपैठ को रोकने में जम्मू कश्मीर एवं देश के अन्य हिस्सों में 1 जनवरी 2011 से लेकर आज तक कितने जवान शहीद हुए?

– गृह मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में बताया कि 2011 से 2014 तक कश्मीर में आर्मी और बीएसएफ के 13 जवान (आर्मी के 5 और बीएसएफ के 8) सीजफायर वॉयलेशन और क्रॉस बॉर्डर फायरिंग में शहीद हुए थे। जबकि 2015 से सितंबर 2017 तक 39 जवान (आर्मी के 27 व बीएसएफ के 12) शहीद हुए। 

– आर्मी और बीएसएफ के हर साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2011 में 3, 2012 में 2, 2013 में 5, 2014 में 3, 2015 में 10, 2016 में 13 और सबसे ज्यादा 2017 में 16 जवान शहीद हुए। 

बीजेपी राज में आर्मी जवान तो कांग्रेस राज में बीएसएफ के ज्यादा जवान हुए थे शहीद

– आरटीआई के मुताबिक, कांग्रेस के शासन में बीएसएफ जवानों के शहीद होने का आंकड़ा ज्यादा था। उस दौरान 8 बीएसएफ जवान शहीद हुए थे। वहीं मोदी सरकार के दौरान आर्मी जवान ज्यादा शहीद हुए। सितंबर 2017 तक आर्मी के 27 जवान शहीद हो चुके हैं।

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