संक्रमित मां कोविड सेंटर गई तो 8 साल बेटे ने छोड़ा खाना, उसके फेवरेट ट्रैफिक जवान रंजीत से VC पर बात कराई,
इंदौर महामारी के गंभीर दौर में पुलिस लोगों को न सिर्फ गाइडलाइन का पालन करवा रही है, बल्कि मानवीयता के नाते अलग भूमिका भी निभा रही है। इसका उदाहरण इंदौर में देखने को मिला। यहां 8 साल के बच्चे की मां संक्रमित हुई, तो बेटे ने खाना-पीना छोड़ दिया। इधर, बेटे काे संभाल रहे पिता ने मां को जानकारी दी, तो वह कोविड सेंटर से ही बेटे को मनाने लगी, लेकिन वह राजी नहीं हुआ।
चूंकि परेशान मां को पता था कि वह इंदौर में जब भी माता-पिता के साथ घूमने निकलता, तो चौराहे पर खड़े जवान रंजीत को डांसिंग ड्यूटी करते देख बड़ा खुश होता था। घर में अकेले रहने के दौरान उसी के वीडियो और फेसबुक पर फोटो देखना अच्छा लगता था। ऐसे में मां को लगा, यदि कांस्टेबल रंजीत उसे समझाएगा, तो बेटा मान जाएगा। इसके बाद मां ने कोविड सेंटर की मदद से रंजीत का नंबर निकालकर उससे बात की। परेशानी सुन कांस्टेबल रंजीत ने भी परिवार की मदद की। उनके बेटे से वीडियो चैट की, तो उसने रात का खाना खा लिया। इधर, सुबह रंजीत खुद उसके लिए खाना लेकर घर पहुंचा। साथ ही, मां को जल्दी लाने की जानकारी दी।
रंजीत से बात कर बेटे की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मां के कोविड केयर जाने से उदास बेटे ने खाना-पीना छोड़ा
घटना राधा स्वामी कोविड केयर सेंटर की है। पलासिया इलाके की चंद्रलोक काॅलोनी में रहने वाले इंवेंट आर्गेनाइजर विनय शर्मा की पत्नी बिंदिया शर्मा की कोरोना रिपोर्ट 20 तारीख को पाॅजिटिव आई। उन्हें राधास्वामी सत्संग भवन के कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया। इसके बाद मां को लेकर उनका 8 साल का बेटा मोहक उदास हो गया। उसने मां को घर लाने की जिद पकड़ ली। उसने खाना तक छोड़ दिया। पिता व अन्य परिजन के लाख समझाने के बाद भी वह नहीं माना। यह बात मां को पता चली, तो उसने बेटे को मनाने के कई जतन किए, लेकिन वह नहीं माना। इस पर उसके फेवरेट कांस्टेबल रंजीत का नंबर लेकर बेटे को खाने के लिए मनाने की गुहार की।
रंजीत बच्चे के लिए खुद दोपहर का खाना लेकर उसके घर पहुंचे।
मां की गुहार पर रंजीत की आंखें भी डबडबा गईं
मां की गुहार पर रंजीत की आंखें भी डबडबा गईं। घर में पत्नी के साथ बैठे इस कांस्टेबल ने 8 साल के फैन की तकलीफ को सुना। मां के कहने पर उसे वीडियो काॅल कर समझाया। जैसे ही, रंजीत का फोन बालक मोहक को पहुंचा, तो वह खुश हो गया। उसने मां को घर जल्दी लाने के लिए कहा। रंजीत ने बातों में उलझाकर उसे खाना खाने की शर्त रखी। जैसे ही, उसने खाना खाया मां-और पिता की आंखें नम हो गईं। इसके बाद रंजीत ने वादा किया कि मां ठीक होगी, तो वही उसे घर लेकर आएगा। बालक मोहक की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यही नहीं,