दिल्ली समेत इन राज्यों में पांच दिन भारी बारिश का अलर्ट

नई दिल्ली। मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने बताया कि महाराष्ट्र और उत्तरी केरल के तटीय इलाकों के ऊपर एक ट्रफ लाइन और मध्य गुजरात, पश्चिम बिहार के ऊपर चक्रवाती सर्कुलेशन बनने से कई राज्यों में आने वाले कई दिनों तक भारी बारिश होने के आसार हैं। गुरुवार को राजधानी में हुई बारिश ने बीते कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पूरे दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार को भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि राजधानी दिल्ली समेत आसपास के इलाकों में अगले दो दिन भी जमकर बादल बरसेंगे। साथ ही हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में अगले पांच दिन जमकर बारिश होने का अनुमान है। उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तटीय कर्नाटक, कोंकण, गोवा और सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश का आज येलो अलर्ट जारी किया गया है। हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर, पूर्वी-पश्चिमी राजस्थान, पूर्वी-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, महाराष्ट्र, असम, मेघालय में कल यानी कि शनिवार को भारी बारिश का अलर्ट है। रविवार को बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में राहत रहेगी, लेकिन बाकी इलाकों में भारी बारिश जारी रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार, 28 जून से लेकर 2 जुलाई तक गुजरात, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पश्चिमी मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र, कच्छ, केरल, दक्षिणी कर्नाटक के भीतरी इलाकों में आज भारी बारिश का अलर्ट है। उप-हिमालयी क्षेत्र, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अगले पांच दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जम्मू कश्मीर में भी आज भारी बारिश के साथ ही बिजली गिरने की भी आशंका है। 

88 साल बाद हुई दिल्ली में जून के महीने में हुई इतनी बारिश 

राजधानी दिल्ली में गुरुवार को हुई भारी बारिश से 88 साल का रिकॉर्ड टूट गया। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक दिल्ली में 228 मिमी बारिश हुई। इससे पहले साल 1936 में जून के महीने में 24 घंटे में इतनी बारिश हुई थी। आमतौर पर जून के महीने में दिल्ली में 80 मिमी बारिश होती है, लेकिन गुरुवार को ही हुई बारिश औसत से करीब तीन गुना ज्यादा थी। 

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