एलिसा हीली ने बताया जीत का राज, कहा – ‘एक फैसले ने पलट दिया पूरा मैच’
नई दिल्ली: विशाखापत्तनम में खेले गए महिला वनडे विश्व कप के रोमांचक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को तीन विकेट से हराकर 331 रन के रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा किया। इस जीत की नायिका रहीं कप्तान एलिसा हीली, जिन्होंने मात्र 107 गेंदों में 142 रन की शानदार और मैच जिताऊ पारी खेली। मैच के बाद हीली ने बताया कि उनकी टीम ने भारतीय तेज गेंदबाजों को निशाना बनाने की विशेष रणनीति अपनाई थी, जो अंततः पूर्ण रूप से सफल साबित हुई।
'तेज गेंदबाजों को निशाना बनाना ही था सही फैसला'
हीली ने कहा कि उन्होंने पिच की प्रकृति को जल्दी समझ लिया था। हीली ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मुझे लगा कि बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी को पिच से काफी मदद मिल रही थी। वह गेंदबाजों में सबसे प्रभावी थीं। इसलिए हमने सोचा कि अगर हमें रन बनाने हैं, तो तेज गेंदबाजों पर अटैक करना होगा।' उन्होंने कहा, 'यह कोई पूर्व-निर्धारित रणनीति नहीं थी, लेकिन हमने हालात देखकर फैसला लिया और उसी पर अमल किया। नतीजा हमारे पक्ष में गया।'
क्रांति और अमनजोत पर बरसे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज
भारतीय गेंदबाजों की सीमित विकल्पों वाली रणनीति का फायदा उठाते हुए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने क्रांति गौड़ और अमनजोत कौर पर जमकर रन बटोरे। गौड़ ने 9 ओवर में 73 रन, जबकि कौर ने 9 ओवर में 68 रन लुटाए। इससे भारत की पांच गेंदबाजों वाली प्लानिंग पूरी तरह से असफल हो गई।
दिलचस्प बात यह रही कि क्रांति गौड़ ने पिछले महीने की सीरीज में एलिसा हीली को तीनों मैचों में आउट किया था, लेकिन इस मैच में हीली ने उनके खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए उनकी गेंदों पर चौकों-छक्कों की बौछार कर दी। हीली ने मुस्कुराते हुए कहा, 'मुझे पता था कि क्रांति ने पहले मुझे कई बार आउट किया है। इसलिए इस बार मैंने उसे हावी होने का मौका नहीं दिया।'
'पहले गेंदबाजी का फैसला था जोखिम भरा था'
हीली ने माना कि मैच की शुरुआत में उन्हें अपने टॉस के फैसले पर संदेह हुआ था। उन्होंने कहा, 'जब स्मृति मंधाना और प्रतीका रावल बल्लेबाजी कर रही थीं, तो लगा कि हमने गलती कर दी है, लेकिन हमारे गेंदबाजों ने बीच और आखिरी ओवरों में शानदार वापसी की। पूरी गेंदबाजी इकाई ने डटकर मुकाबला किया।'
ऑस्ट्रेलिया की जबरदस्त जीत
ऑस्ट्रेलिया की यह जीत न केवल विश्व कप अभियान के लिए बड़ी राहत साबित हुई, बल्कि यह रणनीति और मानसिक मजबूती का बेहतरीन उदाहरण भी बनी। वहीं भारत को अब अपने गेंदबाजी संयोजन और रणनीति पर दोबारा विचार करना होगा, खासकर जब बात बड़े स्कोर की रक्षा करने की आती है।