इंदौर रोड पर स्थित फ्लाईओवर पर लगातार हो रहे हादसों और मौतों से गुस्साए लोगों ने किया सड़क जाम

देवास/इंदौर: मध्य प्रदेश के देवास जिले में इंदौर रोड पर स्थित फ्लाईओवर जिसे पूरा शहर जबरन के ब्रिज के नाम से जानता है, अब तक कई युवाओं की जान ले चुका है। कुछ दिन पहले ब्रिज के नीचे से ट्रैफिक डायवर्ट होने और वहां ट्रैफिक के दबाव के कारण देवास का एक नवयुवक, जो इस देश का आने वाला भविष्य रचता, फ्लाईओवर ब्रिज की बलि चढ़ गया और शहर को चर्चा का एक और विषय दे गया। इन मामलों को लेकर ब्रिज पर चक्काजाम भी किया गया। 

क्या है पूरा मामला?

जिस दिन से देवास के इस ब्रिज का काम शुरू हुआ है, उसी दिन से इसका विरोध भी शुरू हो गया है। दरअसल, यह ब्रिज जहां बनना चाहिए था, वहां नहीं बना और चौड़ाई भी उतनी नहीं थी जितनी होनी चाहिए थी. आपको बता दें कि पुलिस कर्मियों से शुरू हुए इस ब्रिज की वजह से अब तक 32 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इस पूरे मामले के लिए काफी हद तक शहर के लोग भी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने बर्दाश्त की हदें पार कर दी हैं।

यातायात विभाग भी जिम्मेदार

यातायात विभाग की ओर से शहर में 6 प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां कई पुलिसकर्मी खड़े होकर वसूली करते नजर आते हैं। शहर में हो रही इन मौतों से उनका भी कोई लेना-देना नहीं है। इस पुल के आसपास किसी भी तरह का कोई प्रशासन नहीं है, जो लोगों और वाहनों की सुरक्षा की जांच करता हो।

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