अकबरनगर में गरजेगा बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने रोक की याचिका को किया खारिज
लखनऊ। कुकरैल नदी पर कब्जा करके अवैध रूप से बसाए गए अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के निर्माण को ध्वस्त करने पर रोक लगाने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने एलडीए को सभी विस्थापितों को वैकल्पिक आवास आवंटित करने के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के ध्वस्तीकरण आदेश को बरकरार रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने केवल अकबरनगर ही नहीं, अस्ती गांव के उदगम स्थल से गोमती नदी में विलय तक कुकरैल नदी पर हुए अवैध निर्माण को भी चिह्नित कर उसे ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के समय एलडीए उपाध्यक्ष डा. इंद्रमणि त्रिपाठी और अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा भी वहां उपस्थित थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एलडीए ने आवेदन करने वाले पात्रों का चयन कर 20 मई तक बसंत कुंज योजना में प्रधानमंत्री आवास आवंटित करने की तैयारी शुरू कर दी।
कुकरैल नदी का प्रवाह 28 किलोमीटर का है। यह नदी अस्ती गांव की प्राकृतिक झील से आरंभ होकर वन क्षेत्र से गुजरते हुए गोमती नदी में मिलती है। दैनिक जागरण ने कुकरैल नदी पर हुए कब्जों को लेकर पिछले साल सिलसिलेवार अभियान चलाकर खबरें प्रकाशित की थी। दैनिक जागरण की खबरों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुकरैल नदी के जीर्णोद्धार के लिए शासन स्तर पर एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। इस समिति ने सर्वे करके अपनी रिपोर्ट में बताया कि कुकरैल एक जीवित नदी है।
इसका अधिकतम फ्लो 1700 क्यूसेक और न्यूनतम 120 क्यूसेक जल कुकरैल नदी में रहता है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद साबरमती रिवर फ्रंट की तरह कुकरैल नदी के सुंदरीकरण के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई गई। इस टीम ने साबरमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण किया है। एलडीए ने पिछले साल दिसंबर में कुकरैल नदी पर बने भीखमपुर के 90 मकानों को ध्वस्त कर दिया था।
अकबरनगर प्रथम और अकबरनगर द्वितीय में 1068 आवासीय और 101 व्यावासायिक निर्माण को गिराने की नोटिस दी गई थी। एलडीए ने 21 दिसंबर 2023 को ताजमहल फर्नीचर सहित अवैध व्यावसायिक निर्माण को तोड़ना शुरू किया था। हाईकोर्ट में अपील के बाद एलडीए को कार्रवाई रोकना पड़ी। हाईकोर्ट का आदेश मिलते ही इस साल फरवरी में 24 बड़े-बड़े शोरूम को तोड़ा गया। इसके बाद कई चरण में अवैध शोरूम और फर्नीचर के कारखाने और गोदामों को तोड़ा गया।
अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के कई लोगों ने कुकरैल नदी को नाला बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी थी। इस बीच एलडीए ने अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के लोगों को लीज पर निश्शुल्क बसंत कुंज योजना में पीएम आवास दिलाने के लिए शिविर लगाए थे।
पहले तो कई शिविर में लोग पंजीकरण कराने नहीं आ रहे थे, बाद में एलडीए ने पीएम आवास की कीमत लेने की जगह विस्थापितों को लीज पर निश्शुल्क इसे देने का निर्णय लिया। इस पर करीब 1800 लोगों ने पीएम आवास के लिए आवेदन कर दिया। अब एलडीए पात्रों का चयन करने के लिए सत्यापन भी कर रहा है। साथ ही जिन लोगों के आवेदन सत्यापन में सही पाए गए हैं, उनको पीएम आवास आवंटित भी कर दिए गए हैं।
नदी पर कब्जा करके बने करोड़पति
कुकरैल नदी पर कब्जा करके बड़े-बड़े शोरूम खोलने वाले 73 कब्जेदार करोड़पति बन गए थे। उनका सालाना टर्नओवर करोड़ों रुपये तक था। वह हर साल चार करोड़ रुपये तक आयकर रिटर्न ही भर रहे थे। कुछ लोगों ने गोमतीनगर जैसे इलाकों में बड़ी-बड़ी कोठियां बना ली थी। अकबरनगर प्रथम और द्वितीय में 400 से अधिक लोगों ने घरों को किराए पर दे दिया था। वहीं इरम मदरसा सहित कई मदरसे और धार्मिक स्थल कुकरैल नदी पर कब्जा करके बनाए गए थे।
अब सुंदरीकरण की राह आसान
साबरमती की तरह अब कुकरैल रिवर फ्रंट बना दिया गया है। नगर आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति में एलडीए, सिंचाई विभाग सहित कई विभागों के अधिकारी भी होंगे। कुकरैल नदी में जल प्रवाह को बढ़ाने के लिए अस्ती गांव के प्राकृतिक स्रोतों को विकसित किया जाएगा। तितली पार्क सहित कई पार्क भी बनेंगे।