राजस्थान में इको-फ्रेंडली होगा उपचुनाव मतदान, प्लास्टिक का नहीं होगा इस्तेमाल
जयपुर। राजस्थान में 13 नवंबर को होने वाले सात विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में मतदान प्रक्रिया को पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल यानी इको-फ्रेंडली बनाया जाएगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके लिए एक विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसके तहत मतदान केन्द्रों पर कई गतिविधियां पर्यावरणीय अनुकूलता के मापदंडों के अनुसार की जाएगी।
इस पहल के तहत चुनावी सामग्री की पैकेजिंग प्लास्टिक-मुक्त सामग्री से की जाएगी। मतदान दलों को दी जाने वाली सामग्री में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और खाने-पीने के सामान के लिए कागज के पैकेट, दोने-पत्तल और पेयजल के लिए मटके का पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। चाय और पेय पदार्थों के लिए केतली और कुल्हड़ इस्तेमाल होंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस बार वेबकास्ट प्रक्रिया का भी विस्तार किया जाएगा। मतदान प्रक्रिया की सीसीटीवी के साथ-साथ कक्ष के बाहर से भी लाइव कवरेज किया जाएगा ताकि मतदान की निष्पक्षता, पारदर्शिता और कानून-व्यवस्था पर निगरानी रखी जा सके। इस दौरान अलग से भी कैमरे लगाए जाएंगे और लाइव वीडियो कवरेज पर विशेष निगरानी के लिए टीवी स्क्रीन भी लगाए जाएंगे।
चुनाव के दौरान मतदान केन्द्रों को क्लीन एवं ग्रीन और तम्बाकू-मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाएगा। कचरा प्रबंधन के तहत गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन रखे जाएंगे, और डाक मतपत्रों की गणना के लिए रियूजेबल ट्रे और कंटेनर का इस्तेमाल होगा। मतदान केन्द्रों पर प्लास्टिक-फ्री सेल्फी पॉइंट भी बनाए जाएंगे और विशेष मतदाताओं जिसमें बुजुर्ग और दिव्यांग व्यक्तियों से पौधरोपण भी करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास सभी निर्वाचन प्रक्रियाओं को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के साथ ही मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी काम करेगा। निर्वाचन विभाग ने इस इको-फ्रेंडली पहल के लिए संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भी रिपोर्ट भेज दी है। आयोग ने इस नवाचार को अन्य राज्यों में भी लागू करने का सुझाव दिया है।