वोट चोरी रोकने के लिए कांग्रेस का 5 चुनिंदा लोकसभा सीटों पर पायलट कार्यक्रम

नई दिल्ली: कांग्रेस ने पांच चुनिंदा लोकसभा सीटों पर 'वोट रक्षक' नामक एक पायलट परियोजना शुरू की है. जहां पार्टी के उम्मीदवार 2024 के चुनावों में मामूली अंतर से हार गए थे या संदेह है.

पायलट कार्यक्रम उस राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा है जिसे कांग्रेस ने भाजपा द्वारा कथित तौर पर वोट चोरी या मतदाता सूची में हेराफेरी के खिलाफ लड़ने के लिए शुरू किया है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाया था.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, 'वोट रक्षक' न केवल 2024 के राष्ट्रीय चुनावों का विश्लेषण करेंगे, बल्कि बूथ स्तर पर यह भी सुनिश्चित करेंगे कि असली मतदाताओं के नाम न तो फर्जी तौर पर जोड़े जाएँ और न ही काटे जाएँ. अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि बाद में इस कार्यक्रम का विस्तार अन्य सीटों पर भी किया जाएगा.

चयनित लोकसभा सीटें राजस्थान में जयपुर ग्रामीण और अलवर, छत्तीसगढ़ में कांकेर, मध्य प्रदेश में मुरैना और उत्तर प्रदेश में बांसगांव हैं. अलवर को छोड़कर, जहां भाजपा उम्मीदवार की जीत का अंतर 48000 वोटों से अधिक था और मुरैना में जहां अंतर 52000 वोटों का था, अन्य तीन सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार कुछ हजार वोटों से हार गए.

पायलट परियोजना को सुविधाजनक बनाने तथा उपलब्ध मतदाता सूचियों की हार्ड कॉपी के समय लेने वाले विश्लेषण के लिए सभी पांच संसदीय सीटों में से एक सैंपल विधानसभा क्षेत्र का चयन किया जाएगा, ताकि विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा सके. साथ ही 'वोट रक्षकों' की निगरानी भी की जा सके.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के राजस्थान प्रभारी सचिव चिरंजीव राव ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमने अध्ययन के लिए जयपुर ग्रामीण और अलवर लोकसभा सीटों के अंतर्गत आने वाली झोटवाड़ा और अलवर शहर विधानसभा सीटों की पहचान की है. जोतवाड़ा को इसलिए चुना गया है क्योंकि वहां भाजपा को 1 लाख से अधिक वोटों की बढ़त मिली थी. संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली अन्य विधानसभा सीटों पर हमारे उम्मीदवार को बढ़त थी, लेकिन इस एक सीट ने पूरा परिणाम बदल दिया. हमारा उम्मीदवार मात्र 1615 वोटों से हार गया. इससे हमारे मन में संदेह पैदा हुआ.'

उन्होंने कहा, 'हमने अलवर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत अलवर शहर विधानसभा सीट को चुना है, क्योंकि हमें संदेह है कि वोटों की चोरी मुख्य रूप से शहरी इलाकों में हुई है. दोनों जगहों पर 'वोट रक्षक' तैनात किए जा रहे हैं. वे बूथ स्तर पर काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मतदाता सूची में कोई भी असली नाम न हटाया जाए या कोई भी फर्जी नाम न जोड़ा जाए. वे 2024 के चुनाव परिणामों का भी विश्लेषण करेंगे.'

राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 8 और भाजपा ने 14 सीटें जीती. जयपुर ग्रामीण सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अनिल चोपड़ा भाजपा के राव राजेंद्र सिंह से मात्र 1615 वोटों से हार गए. अलवर में कांग्रेस उम्मीदवार ललित यादव भाजपा के भूपेंद्र यादव से 48282 वोटों से हार गए.

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 11 में से 10 लोकसभा सीटें जीती, जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली. कांकेर संसदीय सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार बीरेश ठाकुर भाजपा के भोजराज नाग से सिर्फ 1884 वोटों से हार गए. छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने ईटीवी भारत को बताया, 'हमें कई सीटों से वोट चोरी की खबरें मिली हैं, लेकिन कांकेर की निश्चित रूप से विस्तार से जांच की जाएगी. चुनाव के दौरान वहां से कई शिकायतें मिली थी.

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सभी 29 लोकसभा सीटें जीत ली. मुरैना में कांग्रेस प्रत्याशी सत्यपाल सिकरवार भाजपा के शिवमंगल सिंह तोमर से 52,530 वोटों से हार गए थे. उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 6 सीटें जीती थी और भाजपा को 33 सीटें मिली. बांसगांव सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सदल प्रसाद भाजपा के कमलेश पासवान से मात्र 3150 वोटों से हार गए.

मतगणना के दौरान सदल प्रसाद ने कथित अनियमितताओं को लेकर आत्मदाह की धमकी भी दी थी. उसी रात राहुल गांधी ने उनसे फोन पर बात की थी. अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों बाद कांग्रेस ने बांसगांव लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली सभी पाँच विधानसभा सीटों पर पुनर्मतगणना की माँग की थी.

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