पारंपरिक जल स्त्रोतों के संरक्षण से भावी पीढ़ी को मिलेगी जल सुरक्षा

भोपाल : जल से ही जीवन का आरम्भ हुआ। जल ही जीवन का आधार है। मानव शरीर का 70 प्रतिशत भाग जल से निर्मित है। स्वास्थ्य और संतुलित विकास का मूल आधार भी जल ही है। जल हमें स्वच्छता, संपन्नता और समृद्धि की ओर ले जाता है। यह समुद्रों, नदियों, झीलों और तालाबों के रूप में प्रकृति में विद्यमान है, लेकिन इसके संरक्षण-संवर्धन की आवश्यकता है। आज जल का संरक्षण आने वाले पीढ़ियों की सुरक्षा का आधार बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार प्रदेश में जल गंगा सवंर्धन अभियान 30 मार्च से चलाया जा रहा है। अभियान का समापन गंगा दशहरा, 30 जून को होगा। जन-जन के जीवन से जुड़े इस अभियान में नये तालाब बनाये जा रहे हैं, पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है और नदियों को साफ-स्वच्छ किया जा रहा है।

अभियान में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले तालाबों, जल स्रोतों तथा देवालयों में भी जल संरक्षण के कार्य भी किये जा रहे हैं। अभियान के अंतर्गत एक माह में जन सहयोग से हुए काम के परिणाम भी सामने आने लगे हैं। मानसून पूर्व प्रदेश में हुई पहली बारिश में ही अभियान में बने खेत तालाब वर्षा जल स्टोर हो रहा है।

150 साल पुरानी बावड़ी का किया गया जीर्णोद्धार

छतरपुर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत विभिन्न कार्य किए जा रहे है। साथ ही पारम्परिक जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार, मरम्मतीकरण, गहरीकरण एवं साफ सफाई आदि कार्य किए जा रहे है। इसी क्रम में बिजावर में जानकी निवास मंदिर परिसर में लगभग 150 वर्ष पुरानी एक बावड़ी का जीर्णोद्धार कार्य जनभागीदारी और प्रशासनिक समन्वय सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। डेढ़ सदी पुरानी यह बावड़ी अपने समय में बिजावर के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत थी। समय के साथ उपेक्षा और रख-रखाव की कमी के कारण यह जीर्ण-शीर्ण हो गई थी। जिसे अब नया जीवन दिया गया है।

शहडोल में किसान उत्साहपूर्वक बना रहे खेत तालाब

जल है प्रकृति का अमूल्य उपहार बचाओ इसे, यही है जीवन का आधार शहडोल जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतो में जल संरक्षण के कार्य कराए जा रहे हैं। जनपद पंचायत बुढार में ग्राम पंचायत घोघरी, गोरतरा, कदाहर में नवीन खेत तालाब के निर्माण का कार्य किया गया।

कुल 1673 तालाबों, चेकडेम, स्टाप डेम एवं अन्य जल संरचनाओं को चिन्हित कर, 918 जल संरचनाओं का जन सहयोग से गहरीकरण कर एक लाख 6319  ट्रेक्टर ट्राली मिटटी निकालकर किसानों ने अपने खेतों में डाली है। इस कार्य में कुल 6519 ग्रामीणों ने अपनी सहभागिता की है। इससे एक ओर जहां तालाबों एवं जल संरचनाओं का गहरीकरण होकर उनकी जल भराव क्षमता 43 लाख 23 हजार 299 घन मीटर से बढ़कर एक करोड़ 15 लाख 77 हजार से अधिक घन मीटर हो गई है। किसानों को अपने खेतों के लिये उपजाऊ मिटटी भी उपलब्ध हुई है।

जल संरचनाओं के निर्माण और सफाई से निकली मिट्टी बना रही खेतों को उपजाऊ

नीमच जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत 243 ग्राम पंचायतों में गहरीकरण के लिए 831 चिन्हित खेत तालाब के कार्यो में से वर्तमान में 721 खेत तालाबों का निर्माण कार्य जारी है। कलेक्टर ने शेष रहे खेत तालाबों का निर्माण कार्य भी तत्काल प्रारंभ करवाकर पूर्ण करवाने के निर्देश दिए। कुँआ रिचार्ज के स्वीकृत कुल 1900 कार्यो में से वर्तमान में 1860 कुँआ रिचार्ज के कार्य प्रगति पर हैं। कलेक्टर ने कुँआ रिचार्ज के सभी कार्य एक सप्ताह में पूर्ण करने के निर्देश जनपद सीईओ और उपयंत्रियों को दिए।

जल संसाधन के 18 जलाशयों से निकाली गई 50 हजार ट्रेक्टर ट्राली मिट्टी

नीमच जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा 18 जलाशयों का जनसहयोग से गहरीकरण कार्य प्रारंभ कर, 50 हजार ट्रेक्टर ट्राली एक लाख घन मीटर मिट्टी किसानों ने निकाल कर अपने खेतों में डाली हैं इसमें 900 ग्रामीणों ने जनसहभागिता की हैं। कवई, नयापुराना,  जीरन,  केनपुरिया, जमुनिया, चमलेश्वर एवं बैसला के तालाबों का जनसहयोग से गहरीकरण कार्य किया जा रहा है। अब तक लगभग 50 हजार ट्रेक्टर ट्राली मिट्टी निकालकर, 900 किसानों ने अपने खेतों में डाली है। इससे किसानों के खेतों की उत्पादकता बढेगी, साथ ही तालाबों का गहरीकरण होने से जल भराव क्षमता भी बढी है। जल स्तर में भी वृद्धि होगी।

हिनौती हनुमान मंदिर स्थित बावड़ी का हुआ जीर्णोद्धार

दमोह जिले के गांव हिनौती के हनुमान मंदिर में स्थित प्राचीन बावड़ी का जीर्णोद्धार श्रमदान से किया गया। स्थानीय ग्रामीणों के श्रमदान से बावड़ी मे फैले कचरे तथा अनावश्यक झाड़-झंकर को साफ कर बावड़ी को स्वच्छ बनाया गया।

जल हमें स्वच्छता, संपन्नता और समृद्धि की ओर ले जाता है

जल गंगा संवर्धन अभियान में मैहर जिले में पारम्परिक जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार, मरम्मतीकरण, गहरीकरण एवं साफ सफाई की जा रही है। मैहर जिले की नगर परिषद अमरपाटन में भी प्राचीन बावड़ी की सफाई की गई।

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