प्रदेश के सरकारी स्कूलों के नौवीं से 12वीं की परीक्षाएं दो जनवरी से शुरू होंगी

 भोपाल । प्रदेश के सरकारी स्कूलों के नौवीं से 12वीं तक की छमाही परीक्षाएं दो जनवरी से शुरू होंगी। यह पहला मौका है जब जनवरी माह में छमाही परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं।हालांकि जनवरी की शुरुआत से कड़ाके की ठंड पडऩे की संभावना भी जताई गई है।इस कारण विद्यार्थियों को ठंड के बीच परीक्षा देनी होगी।इस बार छमाही परीक्षाएं अनुगूंज और राष्ट्रीय बाल रंग के कारण जनवरी में ली जा रही है। परीक्षा सुबह साढ़े सात बजे से शुरू हो जाएगी।विद्यार्थियों को सुबह सात बजे तक केंद्र पर पहुंचना होगा। जहां नौवीं-दसवीं की परीक्षा दो से नौ जनवरी के बीच संपन्न होगी। समय सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक रहेगा। वहीं 11वीं व 12वीं की परीक्षा दो से 11 जनवरी के बीच होगी। इनका समय सुबह साढ़े 7.30 बजे से 10.30 बजे तक रहेगा।परीक्षा का समय सुबह साढ़े 7.30 बजे रखा गया है जबकि ठंड के चलते प्रदेश के लगभग सभी जिला कलेक्टरों ने स्कूलों का समय सुबह साढ़े आठ बजे के बाद से कर दिया है। ऐसे में सुबह सात बजे का समय विद्यार्थियों पर भारी पड़ सकता है।बता दें कि लोक शिक्षण संचालनालय(डीपीआई) की हर साल छमाही परीक्षाएं नवंबर या दिसंबर में समाप्त हो जाती थी लेकिन पहली बार बोर्ड परीक्षा के ठीक ढाई माह पहले जनवरी में नौवीं से 12वीं तक की छमाही परीक्षा आयोजित की जा रही है।
तीन बार बदली गई परीक्षा की तिथि
लोक शिक्षण संचालनालय(डीपीआई)ने नौवीं से 12वीं तक की छमाही परीक्षाओं की तिथि एक से आठ दिसंबर के बीच घोषित की थी। इस संबंध में स्कूल स्तर पर पूरी तैयारी कर ली गई थी। वहीं अनुगूंज कार्यक्रम चार से पांच दिसंबर तक होने के कारण परीक्षा की तारीख को डीपीआइ ने स्थगित कर दिया। इसके बाद परीक्षा की तिथि 12 से 19 दिसंबर के बीच तय की गई। फिर राष्ट्रीय बाल रंग का आयोजन 17 से 19 दिसंबर के बीच होने कारण तीसरी बार नवंबर के आखिरी सप्ताह में परीक्षा की संशोधित समय सारणी जारी कर दी गई। इसके अनुसार अब छमाही परीक्षा नए साल में आयोजित की जाएगी।
तीन महीने में देना होगी तीन परीक्षाएं
इस बार विद्यार्थियों को तीन माह में तीन परीक्षाएं देनी होगी। जनवरी में छमाही परीक्षा होगी। फरवरी में 10वीं व 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षाएं होगी। इसके कुछ दिनों बाद ही एक मार्च से 10वीं-12वीं की वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो जाएगी। ऐसे में स्कूलों में पढ़ाई का विद्यार्थियों का कम समय मिल पाएगा।

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