FIR में बड़ा खुलासा- परीक्षा से पहले ही CBSE को थी लीक की जानकारी
नई दिल्ली: सीबीएसई पेपर लीक मामले में दंग कर देने वाली जानकारी सामने आई है. मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर से पता चला है कि सीबीएसई को परीक्षा के एक रात पहले से ही लीक के बारे में पता था. बोर्ड को दसवीं की परीक्षा से पहले इसकी जानकारी मिल गई थी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर बोर्ड को इसकी जानकारी थी तो परीक्षा क्यों करवाई गई?
आपको बता दें कि सीबीएसई पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी तक 30 से ज्यादा लोगो से पूछताछ की जा चुकी है. ये सभी लोग या तो कोचिंग सेंटर के टीचर है या फिर स्टूडेंट हैं. अभी तक इस मामले में कोई भी अहम कड़ी पुलिस के हाथ नहीं लगी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक आज भी राजेन्द्र नगर में कोचिंग सेंटर चलाने वाले विक्की से पूछताछ की जाएगी. कल रात उसे पूछताछ के बाद जाने दिया गया था. आज फिर उसे बुलाया गया है.
पुलिस के मुताबिक कल रात सीबीएसई के तीन अधिकारियों से बातचीत हुई थी जिससे पूछताछ नहीं कहा जा सकता है. बातचीत के दौरान उनसे सीबीएसई के पेपर्स को लेकर क्या प्रोसीज़र होता है इससे जुड़ी जानकारी ली गयी थी. पुलिस के मुताबिक अभी तक की जांच में पैसो के लेन देन के बारे में कोई बात सामने नहीं आई है.
सीबीएसई की 10वीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र के पेपर लीक मामले में अभी तक इसके मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी नहीं हुई है. दिल्ली पुलिस की जांच जारी है जिसके सिलसिल में पुलिस ने बुधवार रात करीब 10 जगहों पर छापेमारी की. हालांकि, पुलिस ने छापेमारी का आधिकारिक खुलासा नहीं किया है.
क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी आर पी उपाध्याय ने कहा है कि हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है कि यह लीक अखिल भारतीय स्तर पर हुई हो. लेकिन अगर ऐसी कोई बात सामने आती है तो हम दिल्ली के बाहर भी टीमें भेजेंगे. इस मामले में सीबीआई की तरफ से शिकायत मिलने पर दो एफआईआर दर्ज की गई थी.
शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग
पेपर लीक पर राजनीति भी खूब हो रही है. पेपर लीक मसले में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने शिक्षा मंत्री प्रकाश जावडेकर के इस्तीफे के साथ सीबीएसई की चेयरपर्सन अनिता करवल से इस्तीफे की मांग की है. सरकार ने जहां मीडिया पर सनसनी फैलाने का आरोप मढ़ा तो वहीं कांग्रेस पीएम मोदी को लपेटे में ले रही है.
50,000 से पांच रुपए तक में बिके पेपर
पेपर लीक की शुरूआती जांच में ये भी पता चला है कि छात्रों को प्रश्न पत्र 50 हजार रुपये तक में बेचा गया है लेकिन बाद में यही पत्र 5-10 रुपये तक में बिका. दरअसल इस तरह के मसले में होता ये है कि जिस छात्र ने नकल माफिया से सबसे पहले पेपर को खरीदा, वो बाद में उस पेपर को किसी दूसरे छात्र को कम रेट में बेच देता है. जैसे जिस छात्र ने पेपर 50 हजार में खऱीदा उसने दूसरे छात्र को 40 हजार में बेच दिया. दूसरे छात्र ने तीसरे छात्र को 30 हजार में बेच दिया, तीसरे छात्र ने पांच छात्रों को 5-5 हजार में बेच दिया. इस तरह पेपर का रेट गिरते गिरते 5-10 रुपये तक आ जाता है.
27 मार्च को दर्ज किया गया था पहला मामला
आपको बता दें कि पहला केस 12वीं के पेपर लीक के मामले में 27 मार्च को दर्ज किया गया था जबकि 10वीं क्लास के गणित के पेपर लीक मामले में 28 मार्च को दूसरा कस दर्ज किया गया था. जिन लोगों से पूछताछ की गई है उनमें 18 छात्र, 5 ट्यूटर और दो अन्य लोग शामिल हैं. पूछताछ में सभी ने कबूला की 10वीं के मैथ्स और 12वीं के अर्थशास्त्र का पेपर एग्जाम से पहले ही लीक हो गया था.
जांच में पता चला है कि ये दोनों पेपर एग्जाम से एक दिन पहले ही व्हाट्सएप पर लीक हो गए थे जो कुछ टीचर और छात्रों के पास व्हाट्सअप के के माध्य्म से पहुंचे थे जिसको लेकर पुलिस अब इस मामले की कड़ियों को जोड़ने में लगी लगी हुई है. क्राइम ब्रांच सीबीएसई से भी एग्जाम से जुड़ी तमाम जानकारियां मांग रही है.