तुलसी विवाह के दिन करें ये 5 उपाय… दूर हो जाएंगी शादी की अड़चनें! मिलेगा समझदार पति

सनातन धर्म में तुलसी विवाह का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. गौरतलब है कि माता तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है और मान्यता है कि तुलसी के पौधे पर माता लक्ष्मी का वास होता है. कई अवसरों पर माता तुलसी की विधिपूर्वक पूजा-आराधना की जाती है. विशेष रूप से तुलसी विवाह के दिन पूजा करने से लाभ कई गुना बढ़ जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के प्रतीक शालिग्राम और माता तुलसी के पौधे का विवाह करवाया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से शादीशुदा जीवन खुशहाल रहता है और आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं. इस रिपोर्ट में आगे हम जानेंगे कि तुलसी विवाह कब है और इस दिन कौन-से विशेष उपाय और पूजा-अर्चना करनी चाहिए ताकि इसे करने वाले को अधिक फल और सौभाग्य प्राप्त हो.
दरअसल, अयोध्या के ज्योतिष नीरज बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 2 नवंबर को मनाया जाएगा, जिसकी तिथि सुबह 7:31 बजे शुरू होकर 3 नवंबर तक रहेगी. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:07 बजे से पूरे दिन तक रहेगा. इस अवसर पर माता तुलसी और भगवान शालिग्राम की विधि विधानपूर्वक पूजा-आराधना की जाती है और उनका विवाह कराया जाता है. मान्यता है कि इस दिन अगर कुंवारी कन्या कुछ खास उपाय करती हैं, तो उनके विवाह के योग जल्दी बनते हैं.
करें ये 5 उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी विवाह के दिन यदि कुंवारी कन्या या आविवाहित महिलाएं अच्छा वर पाने या सुखद वैवाहिक जीवन के लिए कुछ उपाय करती हैं, तो उन्हें मनचाहा आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस अवसर पर किया जाने वाला प्रमुख उपाय इस प्रकार है:
तुलसी के पौधे की विधि-विधानपूर्वक पूजा-आराधना करें.
हल्दी वाला दूध माता तुलसी को अर्पित करें.
माता तुलसी को श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
पूजा के बाद तुलसी के पास दीपक प्रज्वलित करें.
तुलसी विवाह के दिन व्रत और पूजा के बाद भगवान सूर्य की भी पूजा-आराधना करनी चाहिए
पूजा के बाद करें ये काम
तुलसी विवाह के दिन किया गया यह उपाय हर मनोकामना की पूर्ति करता है. खास तौर पर इस दिन सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा के साथ माता तुलसी से प्रार्थना करनी चाहिए. मनोकामना की सिद्धि के लिए अपनी भक्ति और प्रार्थना को दिल से अर्पित करना लाभकारी होता है. इसके अलावा, तुलसी विवाह के दिन व्रत और पूजा के बाद भगवान सूर्य की भी पूजा-आराधना करनी चाहिए. ऐसा करने से विवाह में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं और वैवाहिक जीवन सुखद और मंगलमय बनता है.
