जिन हाथों ने कभी थामे थे हथियार, अब मेहंदी से सजे, कांकेर में शादी के बंधन में बंधे सरेंडर करने वाले दो नक्सली, थाने में लिए सात फेरे
कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से खास तस्वीर सामने आई है, जिसमें हथियार छोड़ चुके नक्सली जोड़े शादी के बंधन में बंधे नजर आए हैं। ये तस्वीर कांकेर जिले पखांजुर की है, जो किसी को भी आकर्षित कर सकती है।
सरेंडर नक्सली जोड़े ने रचाई शादी
कांकेर जिले के पखांजुर थाना परिसर में रविवार को अनोखा नजारा देखने को मिला। जहां चौकी को फूलो से सजाया गया, मंडप तैयार किया गया। जिसमें एक ऐसे जोड़े शादी के बंधन में बंधे, जिसके हाथों में कभी बंदूक थे। हथियार लिए जंगलों की खाक छाना करते थे, जो अब शांति और प्रेम के रास्ते पर निकल पड़े हैं। ये जोड़ी सागर हिरदो और सचिला मांडवी की है, जो अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा कर चुके हैं। दोनों पहले नक्सल संगठन से जुड़े थे, लेकिन नक्सलवाद कि दुनिया को छोड़कर उन्होंने समाज में लौटने का साहस दिखाया, और अब उसी साहस ने उन्हें विवाह के बंधन में बांध दिया हैं।
थाने में लिए सात फेरे
शादी पूरे सामाजिक और धर्मिक परम्पराओं के साथ संपन्न हुआ. वर-वधु ने सभी से आशीर्वाद लिया। मंदिर में भी रस्मों के साथ पूजा की और फिर पूरे पुलिस अधिकारी और उसके परिवार के साथ खुशी-खुशी साथ निभाने का संकल्प भी लिया। सभी पुलिस अधिकारी, ग्रामीण खासकर पखांजुर थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट और गोण्डाहुर थाना प्रभारी की अहम भूमिका रही।
ऐसे हुई दोनों की पहचान
सागर 2014 में नक्सल संगठन से जुड़ा, पखांजुर पुलिस के सामने दिसबंर 2024 को सरेंडर किया। वहीं सचिला 2020 में नक्सल संगठन से जुड़ी और 2024 को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। फिर दोनों पुलिस बल का हिस्सा बन गए और इसी दौरान दोनों की पहचान हुई और दोनों विवाह करने का फैसला भी लिया।