अगर आप चाहते हैं 2 से 3 दिनों की ट्रिप तो डलहौजी को कर सकते हैं लिस्ट में शामिल

घूमने का शौक तो है, लेकिन हर बार प्लानिंग बजट के चलते चौपट हो जाती है, तो एक ऐसी है जहां आप बहुत ही कम बजट में घूमने-फिरने का मजा ले सकते हैं। ये है हिमाचल प्रदेश का डलहौजी। जिसकी स्थापना 1854 में वायसराय लॉर्ड डलहौजी ने की थी। गर्मियों में यहां घूमने का आइडिया रहेगा बेस्ट। इस छोटे से शहर में घूमने वाली जगहों की कोई कमी नहीं। अगर आप कर रहे हैं यहां आने का प्लान, तो इन जगहों को कर लें अपनी लिस्ट में शामिल। 

खज्जियार

डलहौजी आएं और खज्जियार न देखा, तो क्या किया। इस शहर की खूबसूरती ऐसी है कि इसे  ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ या ‘भारत का स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। समुद्र तल से 6,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित, खज्जियार आपको फिल्मी लोकेशन वाली वाइब देता है। प्राकृतिक खूबसूरती निहारने के अलावा आप जॉर्बिंग, ट्रैकिंग जैसे एडवेंचर भी ट्राई कर सकते हैं। 

डैनकुंड पीक

खज्जियार को एक्सप्लोर करने के बाद निकल जाएं डैनकुंड पीक की ओर, जो डलहौजी की सबसे ऊंची जगह है। इस चोटी को सिंगिंग हिल के नाम से भी जाना जाता है। जहां आप ट्रैकिंग करके पहुंच सकते हैं। डैनकुंड से घाटियों और पहाड़ियों का शानदार नजारा देखने को मिलता है। 

कालाटोप खजियार अभयारण्य

कालाटोप खजियार अभयारण्य, हिमाचल प्रदेश के चंबल जिले में स्थित है और ये भी यहां के खास आकर्षणों में शामिल है। कालाटोप का मतलब है ‘काली टोपी’। कालाटोप की हरियाली और पेड़-पौधों की विविधता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करती है। अकेले आएं या फैमिली व दोस्तों के साथ, इस अभ्यारण्य को देखने के लिए वक्त जरूर निकालें।

पंचपुला

पंचपुला भी डलहौजी की ऐसी जगहों में शामिल है जिसके बिना यहां की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है। हरे-भरे देवदार के पेड़ों से घिरा यह एक ऐसा झरना है जहां पांच धाराएं एक साथ मिलती हैं। यह जगह ट्रैकिंग और अपने खूबसूरत नजारों के लिए मशहूर है। मानसून के मौसम में इस झरने की खूबसूरती और ज्यादा बढ़ जाती है, लेकिन गर्मियों में भी आप यहां सुकून के पल बिता सकते हैं। 

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