नवरात्रि में करनी है नवदुर्गा की पूजा, तो जपें 9 ​देवियों के 9 मंत्र, चमकेगी किस्मत

शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से लेकर 1 अक्टूबर को महानवमी तक चलेगी. शारदीय नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के 9 स्वरूपों में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायिनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री हैं. यदि आपको नवदुर्गा की पूजा करनी है तो आपको 9 देवियों के 9 मंत्रों के बारे में जानना चाहिए. नवरात्रि में 9 ​देवियों के 9 मंत्रों का जाप करने से आपकी किस्मत बदल सकती हैं क्योंकि ऐसे लोगों को नवदुर्गा की कृपा प्राप्त होती है. नवदुर्गा के आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि, संतान, धन, वैभव, ​शक्ति आदि की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं नवदुर्गा के 9 मंत्रों के बारे में.

नवरात्रि में दुर्गा के पूजा मंत्र
1. मां शैलपुत्री का बीज मंत्र: ह्रीं शिवायै नम:
शैलपुत्री स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र: वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

2. मां ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
ब्रह्मचारिणी स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र: दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

3. मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नम:
चंद्रघंटा स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

प्रार्थना मंत्र: पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
4. मां कूष्मांडा का बीज मंत्र: ऐं ह्री देव्यै नम:
कूष्मांडा स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

प्रार्थना मंत्र: सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
5. मां स्कंदमाता का बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
स्कंदमाता स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

प्रार्थना मंत्र: सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
6. मां कात्यायनी का बीज मंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
कात्यायनी स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

प्रार्थना मंत्र: चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

7. मां कालरात्रि का बीज मंत्र: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
कालरात्रि स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र: एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

8. मां महागौरी का बीज मंत्र: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
महागौरी स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र: श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

9. मां सिद्धिदात्री का बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
प्रार्थना मंत्र: सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

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