भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हुआ मजबूत, सिर्फ चीन, जापान और स्विट्जरलैंड आगे

जिस दिन का इंतजार भारत बीते 9 महीने से कर रहा था, वो देखने को मिल ही गया. अक्टूबर 2024 के बाद पहली बार देश का फॉरे​क्स रिजर्व यानी विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के पार चला गया. खैर अभी भी भारत को लाइफ टाइम हाई का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 2 अरब डॉलर की जरुरत है. वैसे ये फासला और भी कम हो सकता था, अगर पिछले विदेशी मुद्रा भंडार में 1 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट देखने को नहीं मिलती.

वैसे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में मौजूदा साल में 58.39 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिल चुका है. खास बात तो ये है कि दुनिया के कई देशों के पास इतना कुल विदेशी मुद्रा भंडार तक नहीं है. भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश है, जिसके पास सबसे ज्यादा फॉरेक्स रिजर्व है. भारत से ऊपर चीन, जापान और स्विट्जरलैंड ही हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश के सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किस तरह के आंकड़े जारी किए हैं.

700 अरब डॉलर के पार फॉरेक्स रिजर्व
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार देश का फॉरेक्स रिजर्व 700 अरब डॉलर के पार चला गया है. 27 जून को समाप्त सप्ताह में 4.84 अरब डॉलर बढ़कर 702.78 अरब डॉलर हो गया. आखिर अक्टूबर 2024 में भारत का फॉरेक्स रिजर्व 700 अरब डॉलर के पार देखने को मिला था. इसका मतलब है कि देश का फॉरेक्स रिजर्व 9 महीने के हाई पर पहुंच गया है. वैसे देश के फॉरेक्स रिजर्व के ऑलटाइम हाई का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 2 अरब डॉलर से ज्यादा की जरुरत होगी. जोकि अगले हफ्ते पार कर सकता है. विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 के अंत में 704.88 अरब डॉलर के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.01 अरब डॉलर घटकर 697.93 अरब डॉलर रहा था.

गोल्ड रिजर्व में आई कमी
वहीं दूसरी ओर भारत के फॉरेन करेंसी असेट्स में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि 27 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान फॉरेन करेंसी असेट्स , जो भंडार का सबसे बड़ा घटक हैं, 5.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 594.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है. डॉलर के संदर्भ में व्यक्त की जाने वाले फॉरेन करेंसी असेट्स में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी नॉन-अमेरिकी यूनिट्स की मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने कहा कि 27 जून को समाप्त सप्ताह में गोल्ड रिजर्व में 1.23 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद देश का गोल्ड रिजर्व 84.5 अरब डॉलर रहा. केन्द्रीय बैंक ने कहा कि एसडीआर 15.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.83 अरब डॉलर हो गया. साथ ही आईएमएफ के पास भारत का आरक्षित भंडार भी 17.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.62 अरब डॉलर हो गया.

पाकिस्तान के रिजर्व में भी बढ़ोतरी
वहीं दूसरी ओर पड़ोसी देश पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व में भी इजाफा देखने को मिला है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने बुधवार को कहा कि 30 जून तक उसका विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 14.51 बिलियन डॉलर हो गया. पिछले महीने, 6 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान केंद्रीय बैंक का भंडार 167 मिलियन डॉलर बढ़कर 11.675 बिलियन डॉलर हो गया, हालांकि यह 2024-25 वित्तीय वर्ष के अंत तक 14 बिलियन डॉलर के अपने लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहा. पिछले साल 30 जून को 9.39 बिलियन डॉलर की तुलना में देश का भंडार 5.12 बिलियन डॉलर बढ़कर 14.51 बिलियन डॉलर हो गया. एसबीपी ने कहा कि यह देश के करंट अकाउंट बैलेंस और वर्ष के दौरान नियोजित अंतर्वाह की प्राप्ति में उल्लेखनीय सुधार को दर्शाता है.

चीन से मिली खैरात
इस सप्ताह की शुरुआत में, चीन ने 3.4 बिलियन डॉलर से अधिक का लोन दिया, दो सीनियर पाकिस्तानी सरकारी अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया, इस कदम से देश के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है, जो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक आवश्यकता है. सूत्रों ने बताया कि बीजिंग ने पिछले तीन वर्षों से एसबीपी के भंडार में रखे 2.1 बिलियन डॉलर वापस ले लिए हैं और 1.3 बिलियन डॉलर के कमर्शियल लोन को रीफाइनेंस किया है, जिसे इस्लामाबाद ने दो महीने पहले ही चुका दिया था. अधिकारियों में से एक ने बताया कि मिडिल ईस्ट कमर्शियल बैंकों से 1 बिलियन डॉलर और बहुपक्षीय वित्तपोषण से 500 मिलियन डॉलर भी प्राप्त हुए हैं.

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