J&K में बर्फबारी: लद्दाख में मेजर शहीद, कई इलाकों से संपर्क टूटा
शुक्रवार को बारिश और भारी बर्फबारी के जारी रहने से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे तीसरे दिन भी बंद रहा। जम्मू में घाटी जाने वाले सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं। कश्मीर जाने वाली जरूरी सप्लाई पर असर पड़ा है। भूस्खलन से कई गांवों का जिला मुख्यालयों से संपर्क कट गया है। रागी नाले में भूस्खलन से बटोत-डोडा राजमार्ग पर यातायात बंद है। सिंथन और मुगल रोड पहले से ही बंद पड़े हैं।
श्रीनगर में कई उड़ाने रद्द, वैष्णो देवी में चॉपर सेवा प्रभावित
खराब मौसम से श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से पांच उड़ानें रद करनी पड़ीं, जबकि पंद्रह सामान्य रहीं। कटड़ा-सांझीछत चापर सेवा भी प्रभावित है। मौसम विभाग श्रीनगर के अनुसार शनिवार को जम्मू और कश्मीर के कई इलाकों में बर्फबारी के साथ बारिश होगी।
रामबन सेक्टर में बैटरी चश्मा, अनोखी फाल, डिगडोल और पंथियाल इलाके में पहाड़ों से पत्थर गिरने और भूस्खलन से शुक्रवार तीसरे दिन भी हाईवे को क्लीयर नहीं किया जा सका। गुलमर्ग में 15 इंच और श्रीनगर में तीन इंच तक बर्फ गिरने के साथ बारिश हो रही है। जवाहर टनल पर दस इंच गिरी बर्फ को हटाया जा रहा है। पर्यटक स्थल पत्नीटाप, नत्थाटाप, कुद में भी बर्फबारी जारी है।
कश्मीर के कुपवाड़ा, शोपियां, गांदरबल, सोनमर्ग, पहलगाम, जोजिला, द्रास के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और बारिश से पारा गिर गया है। कठुआ के बनी शिक्षा जोन में दूसरे दिन भी स्कूलों को बंद रखा गया। बनी में ही 33 केवी लाइन ठप होने से सैकड़ों गांवों में बिजली सप्लाई ठप है। बनी-बसोहली मार्ग पर यातायात अवरुद्ध रहा। बनी-ढ़ग्गर, बनी-लोआंग, बनी-बरमोता, शाहरा हट्ट माश्का आदि मार्ग पर भी यातायात प्रभावित हुआ।
कश्मीर में हिमस्खलन का खतरा
ओलावृष्टि, बारिश और तेज हवाएं चलने से जम्मू के कई इलाकों में सरसों, जई सहित अन्य खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। बर्फबारी से बिजली ढांचा बुरी तरह से चरमरा गया है। पहाड़ी इलाकों के दर्जनों गांवों में अंधेरा छाया है। जिला उधमपुर के साथ भद्रवाह, किश्तवाड़, डोडा, राजोरी और पुंछ के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी के साथ मैदानों में बारिश हुई। बनिहाल, बटोत, रामसू, गूल कसबे में भी सफेद चादर बिछी।
कश्मीर संभागीय प्रशासन के अनुसार 11 मार्च शाम पांच बजे तक घाटी के कुपवाड़ा, बांदीपोरा में उच्च खतरे श्रेणी और अनंतनाग, बारामुला, गांदरबल, कुलगाम, बड़गाम और कारगिल जिले में मध्यम खतरे श्रेणी वाले हिमस्खलन का खतरा है। सभी जिला उपायुक्तों को जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।