कवासी लखमा की मुश्किलें बढ़ीं: 64 करोड़ कमीशन का आरोप, शराब घोटाले में स्पेशल कोर्ट में चालान दाखिल
शराब घोटाले में जेल भेजे गए पूर्व आबकारी मंत्री एवं सुकमा विधायक को 64 करोड़ रुपए का कमीशन मिला। यह राशि विभिन्न स्रोत के माध्यम से लखमा तक विभिन्न चैनलों के माध्यम से पहुंचती थी। यह घोटाला सिंडीकेट बनाकर किया गया और इसमें लखमा भी शामिल थे। ईओडब्ल्यू ने प्रकरण की जांच करने के बाद विशेष न्यायाधीश की अदालत में सोमवार को 1167 पन्नो का चालान पेश किया। इसमें 1100 पन्नों में दस्तावेज और 67 पन्नों में घोटाले से संबंधित विस्तृत समरी दी गई है।
इसमें बताया गया है कि लखमा को 64 करोड़ का कमीशन मिला है। वहीं 18 करोड़ रुपए के निवेश और खर्च के दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं। आबकारी मंत्री रहते हुए 2019 से 2023 तक उनकी जानकारी में यह खेल चल रहा था। जिम्मेदार और संवैधानिक पद पर रहते हुए भी उन्होंने केवल अपने कर्तव्यों की घोर उपेक्षा करते हुए नीतिगत निर्णयों में हस्तक्षेप किया। साथ ही अधिकारियों की पदस्थापना, टेंडर और नगद लेन-देन की समानांतर व्यवस्था स्थापित कर विभागीय तंत्र को भ्रष्टाचार के माध्यम से संचालित किया गया। बता दें कि 2161 करोड़ रुपए के इस घोटाले में अब तक 3 पूरक चालान पेश किए जा चुके हैं।
संरक्षण में हुआ घोटाला
ईओडब्ल्यू ने 67 पेज की समरी में बताया है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री के जानकारी और संरक्षण में सुनियोजित तरीके से घोटाला किया गया। इसमें विभागीय अधिकारी और ठेकेदार से लेकर अन्य रसूखदार लोग शामिल थे। उक्त सभी के द्वारा अवैध वसूली कर कमीशन में सभी को हिस्सेदारी पहुंचाई गई। लखमा ने अपने हिस्से की राशि को व्यक्तिगत एवं पारिवारिक हितों के लिए उपयोग कर भारी मात्रा में असम्यक लाभ अर्जित किया।
अब तक के विवेचना में मिले तथ्यो के आधार पर चालान पेश किया गया है। इस समय प्रकरण की जांच चल रही है। इस प्रकरण में 13 आरोपियों को जेल भेजा गया है। वहीं घोटाले की रकम से कोंटा में बनवाए गए कांग्रेस भवन को अस्थाई रूप से अटैच किया गया है।
शराब घोेटाले में भेजे गए हैं जेल
इस घोटाले में कवासी लखमा के अलावा एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्ल्न अरविंद सिंह, उसके भतीजे अमित सिंह, दिलीप पांडेय, सुनील दत्त, दीपक दुआरी और विजय भाटिया को जेल भेजा गया है। वहीं विकास अग्रवाल उर्फ शुब्बू को फरार घोषित किया गया है। उक्त प्रकरण में विजय भाटिया को छोड़कर अन्य सभी के खिलाफ पहले ही चालान पेश किया जा चुका है।