Lok Sabha Election: करारी हार के बाद अकेले पड़े लालू यादव, RJD में भी उठे विरोध के सुर

पटना । लोकसभा चुनाव में मिली हार का एक आफ्टर इफेकट यह भी है। पहले राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से मिलने के लिए रांची स्थित रिम्‍स (अस्‍पताल) में होड़ लगी रहती थी, लेकिन चुनावी नतीजों के बाद अभी तक किसी बड़े नेता या परिवार के सदस्‍य ने मुलाकात नहीं की है। इस बीच परेशान लालू की तबीयत भर बिगड़ गई थी। हार के बाद लालू अकेले पड़ते दिख रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में आरजेडी का खाता तक नहीं खुल सका है। जबकि पार्टी ने बिहार में अपने 20 प्रत्‍याशी उतारे थे। विपक्षी महागठबंधन (Grand Alliance)  के भी कई बड़े फैसले भी आरजेडी ने ही किए थे। ऐसा आरजेडी की स्थापना के बाद पहली बार हुआ है। इस कारण लालू प्रसाद यादव परेशान हैं।

चुनाव परिणाम के बाद बिगड़ी थी तबीयत

चारा घोटाले के मामलों में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो फिलहाल रांची के रिम्स (अस्‍पताल) में भर्ती हैं। उनकी तबीयत ठीक नहीं है। लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद उनकी तबीयत भी खराब होने की सूचना मिली थी। उन्‍होंने खाना-पीना छोड़ दिया था। हालांकि, अब उनकी स्थिति में सुधार की बात कही जा रही है।

किसी बड़े नेता या परिजन ने नहीं की मुलाकात

चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने कोई भी बड़ा नेता नहीं गया है। परिवार का भी कोई सदस्‍य उनसे मिलने नहीं गया है।

हार की समीक्षा में उठेंगे नेतृत्‍व पर सवाल

अब आरजेडी इस हार की समीक्षा को लेकर मंगलवार से दो दिवसीय बैठक कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर बुलाई गई इस बैठक में पार्टी के सभी तमाम बड़े नेता उपस्थित रहेंगे। इस बीच पार्टी में कुछ नेता नेतृत्‍व के प्रति नाराजगी भरा बयान जारी कर चुके हैं।

पार्टी विधायक महेश्‍वर प्रसाद यादव ने सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में नेतृत्‍व करने वाले तेजस्‍वी यादव से नेता प्रतिपक्ष पद से इस्‍तीफा तक मांगा है। उधर, जहानाबाद के पार्टी प्रत्‍याशी रहे सुरेंद्र यादव ने अपनी हार के लिए खुलकर लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को जिम्‍मेदार बताया है। इस पृष्‍ठभूमि में आरजेडी की आज की बैठक के हंगामेदार होनें के आसार हैं। इसमें नेतृत्‍व पर भी सवाल उठेंगे।

असंतोष गहराने की आशंका

स्‍पष्‍ट है, पार्टी में नेतृत्‍व के प्रति असंतोष जाहिर हो चुका है। विधायक महेश्‍वर यादव द्वारा तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करने का सीधा अर्थ लालू के उन्‍हें अपनी अनुपस्थिति में नेतृत्‍व सौंपने के फैसले पर सवाल उठाना है। उपर से उन्‍होंने यह धमकी भी दी है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते हैं तो पार्टी में टूट होगी। उन्होंने पार्टी की कमान किसी सीनियर नेता के हाथों में सौंपने की बात कही है।

तेजस्‍वी के पक्ष में भी गोलबंदी

पार्टी में उठे विरोध के सुर के बीच तेजस्‍वी के पक्ष में भी गोलबंदी है। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि तेजस्‍वी के इस्‍तीफे का सवाल ही नहीं उठता। पार्टी लालू यादव के नाम से जानी जाती है। तेजस्‍वी के इस्‍तीफे से पार्टी ही खत्‍म हो जाएगी। पार्टी नेतृत्‍व पर सवाल उठाने वालों पर हमलावर आरजेडी के विजय प्रकाश कहते हैं कि ऐसे लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं।

हार के बाद पार्टी के भ‍विष्‍य को ले चिंतित लालू

बहरहाल, एक बात साफ है कि पार्टी में वह पहले वाली बात नहीं दिख रही। विरोध के सुर फूट पड़े हैं। ऐसे में हार के बाद से लालू परेशान हैं। जेल में बेबस अकेले पड़ गए लालू की चिंता पार्टी के भविष्‍य को लेकर है।
 

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