एमके1ए मल्टी-रोल फाइटर जेट मिग-21 की लेगा जगह, वायुसेना की बढ़ेगी ताकत
नई दिल्ली। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) एमके1ए के लिए दूसरा सेंटर फ्यूजलेज असेंबली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंपा गया है। एलसीए एमके1ए एक अपडेटेड, मल्टी-रोल फाइटर जेट है जो भारतीय वायुसेना के पुराने मिग-21 की जगह लेगा। भारतीय प्राइवेट कंपनी वीईएम टेक्नोलॉजीज ने शुक्रवार को दूसरा सेंटर फ्यूजलेज असेंबली एचएएल को दी। इससे पहले लार्सन एंड टुब्रो ने कोयंबटूर में एलसीए एमके1ए के लिए पहला विंग असेंबली सेट एचएएल को सौंपा था।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस इवेंट में रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार वर्चुअली शामिल हुए। एचएएल की ओर से जनरल मैनेजर एम अब्दुल सलाम ने एलएंडटी की प्रिसिजन मैन्युफैक्चरिंग एंड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स यूनिट से असेंबली ली। संजीव कुमार ने एचएएल और एलएंडटी की आत्मनिर्भरता की दिशा में की गई कोशिशों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि एचएएल निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है, उन्हें बढ़ावा दे रही है और उनकी क्षमताओं को निखार रही है।
उन्होंने एलसीए तेजस के प्रोडक्शन टारगेट को पूरा करने का भरोसा जताया और विदेशी निर्भरता कम करने पर ध्यान देने को कहा। अब तक एलसीए तेजस डिवीजन को लक्ष्मी मशीन वर्क्स से एयर इनटेक असेंबली, अल्फा टोकोल से रियर फ्यूजलेज असेंबली, एम्फेनॉल से लूम असेंबली, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स से फिन व रडर असेंबली, वीईएम टेक्नोलॉजीज से सेंटर फ्यूजलेज असेंबली और एलएंडटी से विंग असेंबली मिल चुकी हैं। आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत एचएएल एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा दे रही है। एचएएल ने 6300 से ज्यादा भारतीय वेंडर्स के साथ साझेदारी की है। इससे हजारों स्किल्ड नौकरियां पैदा हुई और एक मजबूत घरेलू सप्लाई चेन बनी है।
बता दें पिछले तीन सालों में एचएएल ने भारतीय वेंडर्स के साथ 13763 करोड़ रुपए के ऑर्डर दिए हैं। साथ ही अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर जटिल एयरक्राफ्ट सिस्टम्स और क्रिटिकल कंपोनेंट्स के स्वदेशीकरण पर जोर दे रही है।