Fintech के लिए नई जिम्मेदारी, DFS ने कहा – ग्रामीण भारत तक पहुंचाएं सेवाएं

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए फिनटेक कंपनियों को ऑफलाइन भुगतान समाधानों पर ध्यान देने की जरूरत है। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने वित्तीय समावेशन और फिनटेक पर सीआईआई शिखर सम्मेलन में यह बात कही। 

वित्तीय समावेशन और फिनटेक कंपनियां 

वित्तीय समावेशन, वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को सभी व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए उपलब्ध और किफायती बनाने के प्रयास से है। फिनटेक कंपनियां, या वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां, वित्तीय सेवाओं को प्रदान करने और बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करती हैं।

उपभोक्ता सुविधा के लिए एआई तकनीक का इस्तेमाल करें

नागराजू ने कहा कि फिनटेक को उपभोक्ता सुविधा बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसी तकनीकि का उपयोग भी बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आज के समय में वित्तीय समावेशन को वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन का एक प्रमुख कारक माना जा रहा है।

उपभोक्ता संरक्षण पर ध्यान दें

सचिव ने कहा कि कंपनियों को उपभोक्ता संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आपके प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के साथ कोई अन्याय न हो, उनकी शिकायतों का समय पर समाधान हो और वे पूरी तरह से संरक्षित रहें।

सतत विकास लक्ष्यों में सात वित्तीय समावेशन से जुड़े हुए

उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों (यूएन एसडीजी) में से सात सीधे वित्तीय समावेशन से जुड़े हैं। इससे बैंकिंग सेवाओं से वंचित और कम सुविधा प्राप्त आबादी के लिए वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में सुधार के महत्व का पता चलता है।

जन धन योजना से 99 प्रतिशत वयस्कों के बैंक खाते खोले गए

नागराजू ने भारत में वित्तीय समावेशन की दिशा में हुई प्रगति की जानकारी दी। ग्लोबल फिनडेक्स डेटाबेस के अनुमान के अनुसार 2014 से पहले केवल 35 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाते तक पहुंच थी। वित्तीय पहुँच में सुधार के लिए 2014 में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) शुरू की गई थी। आज देश में 99 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के जरिए भारतीयों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जोड़ा गया है।

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