बेटे निशांत को राजनीतिक गलियारों में उतारने की तैयारी में नीतीश कुमार, कराइ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात

पटना: बिहार में इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। हर तरफ इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या राजनीतिक वंशवाद के कड़े आलोचक रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत कुमार को राजनीति में लाने वाले हैं। नीतीश कुमार कई सालों से वंशवाद की राजनीति को लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद पर हमला करते रहे हैं। वह उनकी पत्नी, बेटे और बेटियों को राजनीति में आगे बढ़ाने के लिए उनकी आलोचना करते रहे हैं। लेकिन समय के साथ अब नीतीश कुमार खुद अपने बेटे के लिए राजनीति की जमीन तैयार कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश परिवारवाद के मुद्दे को खो देंगे। आइए जानते हैं कि करीब दो दशक से राजनीतिक चकाचौंध से दूर रहे निशांत कुमार आखिरकार अपने पिता की मदद के लिए मुख्यधारा की राजनीति में कैसे उतर सकते हैं। मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के कुछ घटनाक्रमों पर गौर करें तो कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत आगामी विधानसभा चुनाव में चुनावी मैदान में बल्लेबाजी करते नजर आ सकते हैं।

होली पर जेडीयू के शीर्ष नेताओं से मिले निशांत

होली पर निशांत कुमार ने जेडीयू के कई वरिष्ठ नेताओं से मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की। यह पहला मौका था जब निशांत इतने बड़े पैमाने पर खुलेआम राजनीतिक हस्तियों से मिले। होली की बधाई देने वाले लोग नीतीश के बाद निशांत के पास भी जा रहे थे। यह पहला मौका था जब नीतीश के बेटे को उनकी मौजूदगी में राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर सक्रिय देखा गया। माना जा रहा था कि नीतीश कुमार पार्टी में निशांत की स्वीकार्यता को भी परख रहे थे। तभी पटना में जनता दल (यूनाइटेड) कार्यालय के बाहर एक बड़ा होर्डिंग लगा, जिसमें उनके बेटे निशांत अपने पिता के साथ थे। पोस्टर में निशांत कुमार को नीतीश कुमार के बगल में प्रमुखता से दिखाया गया था, जिसमें लिखा था, "बिहार की मांग, सुन लीजिए निशांत, बहुत बहुत धन्यवाद।"

राजनीति में निशांत के नेतृत्व की मांग

मोटे तौर पर जेडीयू के नेताओं की ओर से मांग है कि निशांत को जेडीयू में नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए। जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी भी निशांत की राजनीतिक सक्रियता को खारिज नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि निशांत की जेडीयू में क्या भूमिका होगी, यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तय करना है। जाहिर है, बिहार की मांग से ज्यादा यह जेडीयू नेताओं के एक वर्ग की मांग है, जो शायद नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर विपक्ष के लगातार हमलों से चिंतित हैं। उनका मानना ​​है कि निशांत की भागीदारी पार्टी को मजबूत कर सकती है और नीतीश कुमार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा सकती है।

मंत्री विजय और संजय झा के साथ निशांत की तस्वीर चर्चा में

होली के दिन की एक तस्वीर भी चर्चा में है। इसमें निशांत मंत्री विजय चौधरी और जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा के बीच खड़े हैं। निशांत की इस तस्वीर के बाद राजनीतिक गलियारों में उनके राजनीतिक प्रवेश को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

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