राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 01 से 03 नवंबर तक आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। साइंस कॉलेज मैदान में मुख्य मंच, विभिन्न विभागों के मंडप, स्टालों, प्रवेश द्वारों का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए देश-विदेश के मेहमान भी राजधानी रायपुर पहुंच चुके हैं और ये सिलसिला लगातार जारी है।
उपक्रमों के स्टॉल
40 व्यावसायिक स्टाल बनाए गए हैं
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव का भव्य आयोजन 1 से 3 नवंबर तक राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित होना है । उद्घाटन कार्यक्रम 1 नवंबर को सुबह 11 बजे आयोजित किया जायेगा । उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि होंगे साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे । इसी दिन शाम 7 बजे से राज्य अलंकरण समारोह का आयोजन होगा, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल अनुसूईया उइके होंगी एवं अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे । उद्घाटन कार्यक्रम के अगले दिन 2 नवंबर को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल होंगे एवं अध्यक्षता संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत करेंगे । राज्योत्सव का समापन 3 नवंबर को शाम 7 बजे होगा जिसमें मुख्य अतिथि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रहेंगे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे ।
राज्योत्सव का भव्य आयोजन
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में भारत के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों समेत नौ देशों मोजांबिक, मंगोलिया, टोंगो, रशिया, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूजीलैंड और इजिप्ट के 1500 जनजातीय कलाकार शामिल होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही विदेशों से जनजातीय कलाकारों के दल रायपुर पहुंच रहे हैं।
साइंस कॉलेज मैदान पर राज्योत्सव के दौरान विकास प्रदर्शनी में राज्य शासन के 21 विभागों के स्टॉल, शिल्पग्राम में 40 स्टाल, फूड जोन में 24 स्टाल, थीम हैंगर में विभिन्न उद्योगों और सार्वजनिक उपक्रमों के स्टॉल, 40 व्यावसायिक स्टाल बनाए गए हैं।
इस आयोजन में आने वाले दर्शकों के किए अनेक आकर्षण होंगे। छत्तीसगढ़ सहित देश-विदेश की विभिन्न जनजातियों की विविधता पूर्ण संस्कृति, परंपरा और लोककला देखने को मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों की लोककल्याणकारी योजनाओं पर आधारित विकास प्रदर्शनी के माध्यम से पिछले पौने चार वर्षों में छत्तीसगढ़ की विकास गाथा की झांकी दिखेगी। शिल्पग्राम और फूड जोन भी उनके आकर्षण का केंद्र होंगे।