16 जुलाई से शुरू होगी धनवर्षा! सूर्य का गोचर बदलेगा इन राशियों की किस्मत

नई दिल्ली: आसमान में एक खगोलीय परिवर्तन जल्द ही ऊर्जा और भावनाओं का नया समायोजन लेकर आ रहा है. 16 जुलाई 2025 को शाम 5:17 बजे सूर्य, मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेगा. वैदिक ज्योतिष में इस गोचर को एक अत्यंत प्रभावशाली घटना माना जाता है, क्योंकि सूर्य केवल ग्रह नहीं बल्कि ‘आत्मा’ का प्रतिनिधि है. सूर्य का यह गोचर अगले एक महीने तक कर्क राशि में प्रभावी रहेगा, जिसका असर देश, समाज और प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली के अनुसार अलग-अलग रूपों में देखने को मिलेगा.

सूर्य और कर्क राशि: दो तत्वों का टकराव या समन्वय?
वैदिक ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ आदित्य झा के अनुसार सूर्य अग्नि तत्व का ग्रह है, जो तेज, आत्मविश्वास, महत्वाकांक्षा और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है. वहीं कर्क राशि जल तत्व की है, जिसका स्वामी चंद्रमा है – जो भावनाओं, संवेदनशीलता और पारिवारिक जुड़ाव का प्रतीक है. इन दोनों का मेल ऊर्जा और भावना के मध्य संतुलन बनाता है, लेकिन कभी-कभी यह संघर्ष का कारण भी बन सकता है.

हालांकि सूर्य और चंद्रमा एक-दूसरे के मित्र माने जाते हैं, इसलिए यह गोचर कुछ चुनौतियों के बावजूद जीवन में परिपक्वता, भावनात्मक समझ और आंतरिक शक्ति को भी बढ़ा सकता है. जानते हैं आदित्य झा से

व्यक्तिगत प्रभाव: राशि अनुसार भविष्यफल

मेष राशि (चतुर्थ भाव): घरेलू जीवन में हलचल बढ़ सकती है. माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है. वाहन या संपत्ति संबंधी निर्णय सोच-समझकर लें. करियर में थोड़ी रुकावट संभव है, धैर्य से काम लें.

वृषभ राशि (तृतीय भाव): आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. भाई-बहनों के साथ रिश्ते बेहतर होंगे. नई योजना की शुरुआत के लिए समय अनुकूल है. यात्राओं से लाभ की संभावना है.

मिथुन राशि (द्वितीय भाव): धन और वाणी से जुड़े मामलों में सतर्क रहें. परिवार में किसी बात को लेकर गलतफहमी हो सकती है. आर्थिक लेन-देन सोच-समझकर करें.

कर्क राशि (प्रथम भाव): सूर्य आपकी राशि में – आत्मबल और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि. साथ ही क्रोध और घमंड से नुकसान हो सकता है. स्वास्थ्य में पेट संबंधी परेशानी संभव है.

सिंह राशि (द्वादश भाव): खर्चों में अचानक बढ़ोतरी. मानसिक अशांति महसूस हो सकती है. विदेश यात्रा या दूर स्थान से जुड़ी कोई योजना बन सकती है. नींद और स्वास्थ्य पर ध्यान दें.

कन्या राशि (लाभ भाव): धन लाभ, सामाजिक मान-सम्मान और करियर में उन्नति के प्रबल योग. पिता या वरिष्ठों से सहयोग मिलेगा. नए संपर्क और नेटवर्किंग से लाभ होगा.

तुला राशि (दशम भाव): कार्यस्थल पर सफलता के संकेत. वरिष्ठ अधिकारियों से सहयोग मिलेगा. नौकरी में प्रमोशन या नई जिम्मेदारी का योग बन सकता है.

वृश्चिक राशि (नवम भाव): भाग्य कमजोर हो सकता है, लेकिन कर्मशील रहेंगे तो लाभ मिलेगा. धार्मिक रुचि बढ़ेगी. यात्रा से संतोषजनक लाभ नहीं मिल सकता, फिर भी अनुभव शिक्षाप्रद होगा.

धनु राशि (अष्टम भाव): स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता. दुर्घटना या गोपनीय समस्या से सावधानी रखें. सरकारी या कानूनी मामलों से दूर रहें.

मकर राशि (सप्तम भाव): विवाहित जीवन में तनाव संभव है. जीवनसाथी के साथ संवाद में संयम रखें. साझेदारी में कोई धोखा मिल सकता है. नए अनुबंध फिलहाल टालें.

कुंभ राशि (षष्ठ भाव): दुश्मनों पर जीत, प्रतियोगिता में सफलता, नौकरीपेशा लोगों को सराहना. स्वास्थ्य में सुधार लेकिन थकान हो सकती है.

मीन राशि (पंचम भाव): प्रेम, संतान और शिक्षा से जुड़े मामलों में उतार-चढ़ाव. मानसिक भ्रम से बचें. रचनात्मक कार्यों में सफलता के संकेत.

सामूहिक प्रभाव और वैश्विक घटनाओं पर असर
यह गोचर न केवल व्यक्तिगत जीवन बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर भी बदलाव का कारण बन सकता है. सरकार से जुड़े फैसले, घरेलू राजनीति में भावनात्मक मुद्दों की प्रधानता और प्रशासनिक क्षेत्रों में बदलाव की संभावना है. मानसून और जलवायु में भी अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

  • ज्योतिषाचार्यों की सलाह
    इस गोचर काल में सूर्य से संबंधित उपाय करने से शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है
  • प्रतिदिन प्रातः सूर्य को तांबे के लोटे में जल और लाल पुष्प अर्पित करें.
  • आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ करें.
  • गुड़, गेहूं, या तांबे का दान रविवार को करें.

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