वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा का प्रत्युत्तर— मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेशवासियों को दी कई सौगातें

जयपुर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए राजस्थान दिवस भारतीय नववर्ष की शुरूआत पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन मनाए जाने की महत्वपूर्ण घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा 30 मार्च 1949 (वर्ष प्रतिपदा संवत् 2006) के अवसर पर दिए भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने नए साल पर वृहद् राजस्थान की स्थापना को विशेष महत्व दिया था। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से 75 वर्ष बाद राजस्थान दिवस भारतीय रीति-नीति से मनाया जा सकेगा। 

GYAN सदैव हमारी प्राथमिकता— 

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी को साथ लेकर प्रदेश के विकास एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए सतत रूप से प्रयासरत है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है कि हमारी सरकार सिटीजन फर्स्ट के विजन के साथ सुशासन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रमुख फैसलें लेते वक्त गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी (GYAN) सदैव हमारी प्राथमिकता में रहते हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत बजट प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए इसी प्रेरणादायी मूलमंत्र को प्रतिबिंबित करता है।
 
जीएसडीपी 350 बिलियन डॉलर कैसे होगा, आंकड़े देकर बताया —

श्री शर्मा ने कहा कि प्रतिपक्ष के सदस्य अर्थव्यवस्था के विकास के संबंध में कोई सार्थक चर्चा नहीं कर पाए। अर्थव्यवस्था 350 बिलियन डॉलर तक किस वर्ष पहुंचेगी, इस संबंध में केवल आंकड़ों को लेकर बैठ गए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में जीएसडीपी 197 बिलियन डॉलर रहेगी तथा वर्ष 2025-26 में बढ़कर 230 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। इसी प्रकार वर्ष 2028-29 में जीएसडीपी का आंकड़ा 350 बिलियन डॉलर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएसडीपी की वर्तमान वृद्धि दर से आंकलन करें तो हमारी अर्थव्यवस्था वर्ष 2030 तक इस लक्ष्य को आवश्यक रूप से प्राप्त कर लेगी।

कांस्टीट्यूशन क्लब के आयोजन में आमंत्रण के बाद भी नहीं आया विपक्ष —

मुख्यमंत्री ने कांस्टीट्यूशन क्लब के क्रियाशील होने पर शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि सदन में अब कुछ दिनों से सार्थक चर्चा हो पा रही है, इसके लिए मैं किसको धन्यवाद दूँ ? उनको धन्यवाद दूँ जो मेरे सामने विराजे हैं या फिर उनको धन्यवाद दूँ जो पिछले 2 सप्ताह से अदृश्य हैं। उन्होंने कहा कि गत सरकार के समय कांस्टीट्यूशन क्लब के शिलान्यास व उद्घाटन के अवसर पर नेता प्रतिपक्ष के साथ विपक्ष के विधायक भी सहर्ष समारोह में शामिल हुए थे। लेकिन कांस्टीट्यूशन क्लब के कार्यशील होने के पहले दिन जब लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिरला जी को आमंत्रित कर पक्ष, प्रतिपक्ष और पूर्व विधायकों के लिए आयोजन रखा गया, तब ऐसे अवसर पर भी राजनीति से प्रेरित हो विपक्ष द्वारा आयोजन का बहिष्कार क्यों किया गया। यह उचित है या अनुचित सभी को अपनी अंतरात्मा से पूछना होगा। 

उन्होंने दिखावे के लिए, हमने प्रदेश के हित में किया राइजिंग राजस्थान—

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल के प्रथम वर्ष में राजस्थान की जनता के विकास के लिए राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि गत सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में सिर्फ दिखावे के लिए इसका आयोजन किया था। पहले वर्ष में राइजिंग राजस्थान का आयोजन हमारी नीयत को दर्शाता है। हम प्रतिपक्ष की तरह मात्र दिखावे के काम नहीं करते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विगत सरकार द्वारा वर्ष 2022 में किए गए इन्वेस्टमेंट समिट में 12 लाख 84 हजार करोड़ रूपये के एमओयू किए गए तथा उसमें भी मात्र 3 प्रतिशत से भी कम (लगभग 30 हजार करोड़ रूपये) का कार्य पूर्ण हो पाया था। इसकी तुलना में हमारी सरकार ने पहले वर्ष में 35 लाख करोड़ रूपये के निवेश एमओयू किए। जिसमें 2 लाख 24 हजार करोड़ रूपये के एमओयू पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। 30 मार्च तक यह आंकड़ा 3 लाख करोड़ रूपये तक पहुंच जाएगा। गत सरकार से अगर तुलना करे तो निवेश एमओयू को धरातल पर उतारने में हमारी सरकार का आंकड़ा इनसे 10 गुना अधिक है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने नीतियों के आधार पर भूमि आवंटन का काम किया है जबकि गत सरकार ने चेहरा देखकर भूमि आवंटन किया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों का निवेश की दृष्टि से विकास करने हेतु जिलास्तरीय कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इन जिलास्तरीय आयोजनों में 2 लाख 75 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सदन में राइजिंग राजस्थान के परिपेक्ष्य में नेता प्रतिपक्ष द्वारा भरतपुर के एक होटल के बारे में बिलकुल ही गलत तथ्य प्रस्तुत किए गए।

वर्ष 2025-26 की घोषणाओं का क्रियान्वयन अभी से प्रारंभ—

श्री शर्मा ने कहा कि हमारे कार्य करने की गति के कारण लगातार ना सिर्फ घोषित कार्य स्वीकृत हो रहे हैं अपितु धरातल पर भी आ रहे हैं। गत बजट की घोषणाओं की प्रगति जहाँ राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर दिये गये जवाब 7 फरवरी, 2025 के दिन 62 प्रतिशत थी, बजट प्रस्तुति 19 फरवरी, 2025 के दिन बढ़कर 73 प्रतिशत हो गई। यह प्रगति अब 82 प्रतिशत हो चुकी है। वर्तमान बजट की भी 68 घोषणाओं की स्वीकृति जारी हो चुकी है। अभी तो वर्ष 2025-26 प्रारम्भ भी नहीं हुआ और हमने घोषणाओं के क्रियान्वयन पर कार्य प्रारम्भ भी कर दिया है।
 
पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं किया 16 हजार 500 करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान —

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार कोई काम करती ही नहीं थी, जो थोड़ा-बहुत किया, उसका भी भुगतान नहीं किया। पूर्ववर्ती सरकार ने पंचायतों को राज्य व केन्द्रीय वित्त आयोग के 2 हजार 180 करोड़ रुपये, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 1 हजार 443 करोड़, किसान कल्याण योजनाओं के 1 हजार 316 करोड़, मनरेगा के 896 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान के 728 करोड़, बच्चों के पोषाहार का के 353 करोड़, अनाथ बच्चों की पालनहार योजना के 136 करोड़, जल जीवन मिशन के 1 हजार 755 करोड़, कर्मचारियों से संबंधित 2 हजार 924 करोड़ रूपये सहित 16 हजार 500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं किया। उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन‘ की सरकार जनहित में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा छोड़े गये दायित्वों का भी भुगतान करेगी। पहले जहां सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान 3-4 माह विलम्ब से होता था, वहीं अब माह दिसम्बर, जनवरी का भुगतान हो चुका है तथा फरवरी, 2025 का भुगतान प्रारम्भ किया जा चुका है। 

खुशहाल राजस्थान को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकार—

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार खुशहाल राजस्थान की संकल्पना को साकार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने वर्तमान राज्य सरकार और पूर्ववर्ती सरकार की कार्य प्रणाली एवं गति का अन्तर बताते हुए कहा कि गत सरकार के कार्यकाल के अन्तिम वर्ष के मुकाबले हमारी सरकार के प्रथम वर्ष में ड्रिप एवं मिनी स्प्रिंकलर संयंत्रों की क्षेत्रवार स्थापना 50 फीसदी अधिक, सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में कुल वृद्धि 6 गुना अधिक, गौशालाओं को सहायता 65 प्रतिशत अधिक, विभिन्न श्रेणी के डेढ़ गुना अधिक अस्पतालों का निर्माण, केन्द्रीय वित्त आयोग के अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओं को तीन गुना अधिक राशि का हस्तांतरण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ढाई गुना अधिक सड़कों के कार्य किए गए हैं।

चिकित्सा पर राष्ट्रीय बैंचमार्क से भी अधिक व्यय का प्रावधान—

श्री शर्मा ने कहा कि वर्ष 2025-26 में शिक्षा के क्षेत्र में 68 हजार 369 करोड़ रुपये का व्यय किया जायेगा जो कि गत सरकार के प्रथम वर्ष में किये गये 34 हजार 291 करोड़ रुपये  के व्यय से लगभग दो गुणा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने वर्ष 2024-25 में 27 हजार 660 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2025-26 में 31 हजार 888 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जो कुल बजटीय प्रावधान का क्रमशः 8.26 प्रतिशत एवं 8.40 प्रतिशत है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 निर्धारित बैंचमार्क 8 प्रतिशत से अधिक है और पूर्ववर्ती सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल में इस मद में हुए कुल व्यय के औसत 6.78 प्रतिशत से भी अधिक है। 
 
महिला अत्याचार के मामलों में आई उल्लेखनीय कमी—

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत सरकार के अन्तिम वर्ष की तुलना में हमारी सरकार के पहले वर्ष में महिला अत्याचार के प्रकरणों में 10.61 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आई है। दुष्कर्म के साथ हत्या मामलों में 7.32 प्रतिशत, दहेज मृत्यु मामलों में 6.08 प्रतिशत, दुष्कर्म (बालिग) मामलों में 2.87, दहेज उत्पीड़न मामलों में 22.84 प्रतिशत, छेड़छाड़ मामलों में 8.63 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने की दृष्टि से पुलिस विभाग के बजट में 50 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये इसे 11 हजार 500 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया है। 

यमुना जल पर संयुक्त डीपीआर तैयार करने हेतु हरियाणा में टास्क फोर्स गठित—

श्री शर्मा ने कहा कि विपक्ष द्वारा रामजल सेतु पर एमओयू की जानकारी तथा बजटीय प्रावधानों की भ्रामक व्याख्या से प्रदेश की जनता को गुमराह करने के असफल प्रयास किये जा रहे हैं। जबकि हमने एमओए को वेबसाइट पर सबके देखने के लिए अपलोड कर दिया है, तो इसे किसी से छुपाने का प्रश्न ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि हमने ईआरसीपी कॉर्पोरेशन को वृहद् रूप देते हुए स्टेट वाटर ग्रिड कॉर्पोरेशन बनाने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि केन्द्र और हरियाणा सरकार के सहयोग से हथिनी कुण्ड बैराज से यमुना जल राजस्थान लाने के प्रयास भी अब रंग लाने लगे हैं। गत 5 मार्च, 2025 को हरियाणा सरकार द्वारा संयुक्त डीपीआर तैयार करने हेतु टास्क फोर्स का गठन कर भी दिया है।

पूर्ववर्ती सरकार के अविवेकपूर्ण कार्यों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति—

मुख्यमंत्री ने विशेषकर शहरी विकास के क्षेत्र में गत सरकार की कार्य प्रणाली उजागर करते हुए कहा कि भीलवाड़ा शहर में एक ऐसा हाई लेवल ब्रिज निर्मित किया गया जिसकी एक ओर कोई एप्रोच सड़क ही नहीं है और इस पर 34 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के समय हुए ऐसे समस्त अविवेकपूर्ण कार्यों की जाँच करवाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा भी की। 

श्री शर्मा ने श्रद्धेय बाबा साहब अम्बेडकर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी केन्द्र सरकार ने उन्हे भारत रत्न से अलंकृत किया। प्रदेश में भी एससी/एसटी कल्याण के लिए हमारी सरकार जनसंख्या के अनुपात में क्रमशः 44 हजार 230 करोड़ रुपये तथा 33 हजार 983 करोड़ रुपये व्यय कर रही है। साथ ही एससी/एसटी फंड के अन्तर्गत भी सम्पूर्ण राशि की स्वीकृतियां जारी कर आगामी वर्ष के लिए 1 हजार 750 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भगवत गीता के तीसरे अध्याय के 19वें श्लोक का स्मरण करते हुए कहा कि प्रतिपक्ष के नेता ने मेरे सरपंचों के सम्मेलन में भाग लेने के संबंध में टिप्पणी की थी, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं एक आम आदमी और जन सेवक ही बना रहना चाहता हूं।
 
मुख्यमंत्री ने की ये महत्वपूर्ण घोषणाएंः-

– आगामी गर्मी को देखते हुए बजट में पूर्व में घोषित एक हजार 500 हैण्डपम्प की संख्या को बढ़ाते हुए आगामी वर्ष में दो हजार 500 हैण्डपम्प लगाये जाने की घोषणा।

– पेयजल सम्बन्धी समस्या के तत्काल निराकरण के लिए प्रत्येक जिला कलक्टर को एक करोड़ रुपये का अनटाईड फंड। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए 70 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों की घोषणा।

-राज्य में विद्युत प्रसारण तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए 33 केवी, 132 केवी और 220 केवी क्षमता के विभिन्न क्षेत्रों में जीएसएस।

– प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के लिए घोषित 10-10 करोड़ रुपये की राशि में से 5 करोड़ रुपये लागत तक के मिसिंग लिंक सड़कों के कार्य करवाये जाने की घोषणा। प्रदेश में सड़कों के विस्तार, निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 820 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से विभिन्न कार्य की घोषणा।

– बजट में घोषित तीन प्रमुख हाईवे पर जीरो एक्सीडेन्ट जोन के क्रम में अब इन हाईवे के समीप 5-5 स्थानों पर वाहनों चालकों हेतु ’सुविधा एवं विश्राम स्थलों’ की स्थापना की घोषणा।

– सड़क सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश में वाहनों की जाँच सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग से 10 ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन।

-दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुविधा उपलब्ध 
कराने के लिए 2 हजार नवीन परमिट जारी किये जाने की घोषणा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सीवरेज, ड्रेनेज, पार्क, बस स्टेण्ड सहित अन्य विकास कार्यों की घोषणा।

– प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में आमजन को राहत प्रदान किये जाने के उद्देश्य से पट्टे तथा भवन निर्माण की अनुमति स्थानीय स्तर पर जारी किये जाने की घोषणा। विकास प्राधिकरण एवं इनके शहरी मुख्यालयों पर स्थित नगर निगम व नगर परिषद् क्षेत्रों में 25 हजार वर्गमीटर तक के आवासीय व 10 हजार वर्गमीटर तक के गैर आवासीय पट्टे तथा 60 मीटर ऊँचाई तक के भवनों के निर्माण की अनुमति।

– नगर विकास न्यास एवं उन शहरी मुख्यालयों पर स्थित नगर निगम एवं नगर परिषद् क्षेत्रों में 10 हजार वर्गमीटर तक के आवासीय एवं 5 हजार वर्गमीटर तक के गैर आवासीय पट्टे तथा 40 मीटर ऊँचाई तक के भवनों के निर्माण की अनुमति।

– अन्य समस्त क्षेत्रों में 5 हजार वर्गमीटर तक के आवासीय एवं 2 हजार 500 वर्गमीटर तक के गैर आवासीय पट्टे तथा 30 मीटर ऊँचाई तक के भवनों के निर्माण की अनुमति स्थानीय स्तर पर जारी की जा सकेगी।

– पुनर्गठन एवं उप विभाजन के प्रकरणों में पट्टा जारी करने की सक्षमता तक पुनर्गठन एवं उप विभाजन भी स्थानीय स्तर पर ही हो सकेगी।
 
– ग्रामीण क्षेत्र में अकृषि प्रयोजनार्थ रूपान्तरण की प्रक्रिया में लगने वाले समय को और कम करते हुए 30 दिवस किये जाने की घोषणा।

– विकास प्राधिकरणों तथा नगर विकास न्यासों के क्षेत्राधिकार में स्थित आवासीय भूखण्डों का नीलामी के माध्यम से आवंटन में लगने वाले अत्यधिक समय को दृष्टिगत रखते हुए, प्रदेश के जरूरतमंद एवं पात्र व्यक्तियों को, आगामी वर्ष ऐसे भूखण्डों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किये जाने की घोषणा।

– भिवाड़ी विकास प्राधिकरण, दौसा-बांदीकुई नगर विकास न्यास व बालोतरा नगर विकास न्यास का गठन किये जाने की घोषणा।

– शहरी स्थानीय निकायों द्वारा गृहकर प्रणाली का व्यापक सरलीकरण किया जायेगा।

– प्रदेश के विभिन्न शहरों मेें 50 हजार के स्थान पर 1 लाख स्ट्रीट लाईट लगाए जाने की घोषणा।

–  उप पंजीयक कार्यालयों का समय सप्ताह में दो दिन-सोमवार एवं शुक्रवार को, बढ़ाकर प्रातः 8 बजे से सायं 8 बजे तक किये जाने की घोषणा।

– सीएनजी एवं पीएनजी पर वैट दर घटाकर 7.5 प्रतिशत किये जाने की घोषणा।

– गुवाहाटी, भुवनेश्वर, रांची, पुणे व दिल्ली सहित दुबई, म्यूनिख, रियाद, टोक्यो, सिंगापुर, मेलबर्न, नैरोबी, कम्पाला एवं दोहा में राजस्थान फाउण्डेशन के नये चेप्टर्स।

– नवगठित जिलों में डीएमएफटी की स्थापना।
– युवाओं को देश की वैभवशाली संस्कृति से परिचय करवाने हेतु ’भारत एवं राजस्थान पहचान भ्रमण कार्यक्रम’ प्रारम्भ करने की घोषणा।

– 30 मार्च, 2025 को नव संवत् चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ’राजस्थान दिवस’ के अवसर पर सप्ताह भर वृहद् स्तर पर धूमधाम के साथ आयोजन किये जाने के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान।

– युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से भर्ती हेतु पूर्व घोषित पदों के साथ ही आगामी वर्ष में वन विभाग में एक हजार 750 कार्मिक, 4 हजार पटवारी तथा 10 हजार स्कूल शिक्षकों की भर्ती किये जाने की घोषणा। 

– प्रथम बार संगठित निजी क्षेत्र में 50 हजार रुपये तक मासिक वेतन की नौकरी प्राप्त करने वाले युवाओं को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से एकबारीय सहायता के रूप में 10 हजार रुपये उपलब्ध कराने के लिए ’मुख्यमंत्री युवा रोजगार प्रोत्साहन योजना’ प्रारम्भ करने की घोषणा।

– आगामी वर्ष सम्भाग स्तरीय सेन्टर फॉर एडवान्स्ड स्किलिंग एंड कैरियर काउसंलिंग स्थापित करने के क्रम में जयपुर, भरतपुर एवं उदयपुर में 100-100 करोड़ रुपये के कार्य।

– प्रधानमंत्री इन्टर्नशिप प्रोग्राम अथवा नेशनल अप्रेन्टिसशिप प्रोग्राम जॉइन करने पर बेरोजगारी भत्ते के स्थान पर युवाओं को 6 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपंड का विकल्प दिये जाने की घोषणा। 

– जयपुर स्थित कोचिंग हब में निर्मित आधारभूत संरचना का समुचित उपयोग कर युवाओं को उच्च गुणवत्ता की तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने की दृष्टि से जयपुर में आईआईटी-जोधपुर का कैम्पस स्थापित किये जाने की घोषणा। 

–  प्रदेश में नवीन शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को गति देने के उद्देश्य से आगामी शिक्षा सत्र से मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान प्रारम्भ किये जाने की घोषणा । 

–  वंचित वर्गों, श्रमिकों और मजदूर परिवारों से आने वाले बालक-बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए समुचित सुविधा देने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य मुक्त विद्यालय के अन्तर्गत ऑन डिमांड परीक्षा प्रणाली प्रारम्भ किए जाने की घोषणा। 

– आदर्श वेद आवासीय विद्यालय, रैवासा-सीकर की तर्ज पर तारातरा मठ, गोमरख धाम-बाड़मेर में भी आदर्श वेद विद्यालय की स्थापना किए जाने की घोषणा। साथ ही, राजसमंद में निष्क्रमणीय पशुपालक आवासीय विद्यालय खोला जायेगा।

–  प्रदेश के युवाओं को खेल सम्बन्धी समस्त आवश्यक सुविधायें प्रदान किये जाने की दिशा में खेल निदेशालय की स्थापना किये जाने की घोषणा । 
– भीलवाड़ा में मल्टीपरपज स्पोर्ट्स काम्पलेक्स, श्रीगंगानगर में साईकिल ट्रेक तथा कुम्हेर-डीग व केशोरायपाटन-बूंदी में खेल स्टेडियम का निर्माण की घोषणा। 

– थैलेसीमिया रोग से पीड़ित बच्चों के उपचार हेतु अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त डेडीकेटेड थैलेसीमिया सेन्टर्स की स्थापना राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अध्यधीन किए जान की घोषणा। 

–  प्रदेश में अति गम्भीर कुपोषित बच्चों की समस्या के निदान के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में दूध की मात्रा 15 ग्राम से बढ़ाकर 25 ग्राम प्रति पैकेट किये जाने की घोषणा । इसके अतिरिक्त, 8 मेडिकल कॉलेज चिकित्सालयों में सम्पूर्ण स्तनपान प्रबन्धन केन्द्र एवं 11 अन्य चिकित्सालयों में स्तनपान प्रबन्धन इकाई की स्थापना की घोषणा। 

– आमजन को पर्याप्त मात्रा में आयुर्वेद एवं होम्योपैथी औषधियां उपलब्ध कराने के लिए आगामी वर्ष 30 करोड़ रुपये की राशि का अतिरिक्त प्रावधान किए जाने की घोषणा।
– “गरीबी मुक्त राजस्थान“ की परिकल्पना को साकार करने हेतु ’पण्डित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गाँव योजना’ प्रारम्भ किये जाने की घोषणा। प्रथम चरण में 5 हजार गाँवों में इस योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा।

– युवा दिव्यांगों को सम्बल प्रदान करने के लिए 2 हजार 500 दिव्यांगजन को स्कूटी दिये जाने की घोषणा।

– उत्कृष्ट कार्य कर रही लखपति दीदी, ड्रोन दीदी, सोलर दीदी, बैंक सखी, कृषि सखी एवं पशु सखी का होगा सम्मान। प्रत्येक ब्लॉक पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली 10 महिलाओं को सम्मानित करने के साथ ही, उनकी कार्यकुशलता में वृद्धि हेतु टेबलेट उपलब्ध करवाये जाने की घोषणा।

– एमबीसी कल्याण हेतु देवनारायण कोष में 450 करोड़ रुपये राशि का प्रावधान।
– माइक्रो सिंचाई हेतु आगामी वर्ष 50 हजार के स्थान पर अब 60 हजार सौर ऊर्जा पम्पों हेतु अनुदान उपलब्ध करवाने की घोषणा।

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