बिहार में महागठबंधन को झटका, इस पार्टी ने तोड़ा नाता, अकेले लड़ेगी चुनाव
नई दिल्ली: बिहार चुनाव (Bihar elections) में महागठबंधन में तकरार के बीच अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने गठबंधन ने नाता तोड़ने का ऐलान किया है. झारखंड (Jharkhand) में सत्तारूढ़ झामुमो ने शनिवार को घोषणा की कि वह बिहार विधानसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगा और छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा. बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए चुनाव 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे और मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी. झामुमो महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, “पार्टी ने बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है. वह छह विधानसभा सीटों – चकाई, धमदाहा, कटोरिया (एसटी), मनिहारी (एसटी), जमुई और पीरपैंती – पर चुनाव लड़ेगी.” इन सीटों पर दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होगा.
बिहार चुनाव को लेकर JMM ने 20 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी किया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्टार प्रचारकों का नेतृत्व करेंगे. झामुमो के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने महागठबंधन से सीटों की मांग की थी, लेकिन महागठबंधन की ओर से उन्हें सीटें आवंटित नहीं की गयी. इस कारण पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
जेएमएम के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, “हम महागठबंधन के साथ हैं और गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे. हम बिहार में महागठबंधन के नेताओं से आग्रह करते हैं कि वे गठबंधन में जेएमएम की हिस्सेदारी की घोषणा जल्द से जल्द करें, क्योंकि नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.”
उन्होंने कहा कि पार्टी ने बिहार चुनाव के लिए अपनी तैयारियां भी पूरी कर ली हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड चुनाव में, जेएमएम ने अपने गठबंधन सहयोगियों – कांग्रेस, राजद, भाकपा (माले) एल – को “सम्मानजनक हिस्सा” दिया था. भट्टाचार्य ने कहा, “इसलिए, हम बिहार चुनाव में भी जेएमएम के लिए सम्मानजनक सीटों की उम्मीद करते हैं.”
उन्होंने कहा कि 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को सात सीटें दी गईं, लेकिन वह केवल एक चतरा सीट ही जीत पाई. भट्टाचार्य ने कहा, “लेकिन, हमने झारखंड में गठबंधन सरकार में राजद के एक विधायक को पांच साल के लिए मंत्री बनाया. 2024 के चुनाव में, हमने झारखंड की पांच प्रतिशत सीटें, यानी छह, राजद को दीं. चुनाव जीतने वाले चार सदस्यों में से एक को गठबंधन धर्म निभाते हुए मंत्री बनाया गया.”
उन्होंने कहा कि झामुमो मजबूती से चुनाव लड़ना जानता है, खासकर भाजपा के खिलाफ. उन्होंने कहा, “हम गठबंधन सहयोगियों के बीच किसी भी तरह का भ्रम नहीं चाहते हैं, क्योंकि इससे दूसरों को फायदा उठाने का मौका मिल सकता है. इसलिए, हम चाहते हैं कि हमारी केंद्रीय समिति की बैठक तक सब कुछ सुलझा लिया जाए. बिहार में कई सीटें ऐसी हैं जहां अगर हम उनकी मदद नहीं करते हैं और हमारे नेता प्रचार नहीं करते हैं, तो इससे महागठबंधन को भारी नुकसान होगा.”