शिंदे गुट के नेता रामकदम का बड़ा दावा, बोले- बाला साहेब के निधन के बाद उद्धव ने लिए थे अंगूठे के निशान
नई दिल्ली । शिवसेना संस्थापक बाल साहेब ठाकरे (Bal Thackeray) की मृत्यु के लगभग 13 साल बाद उनकी चर्चा एक बार फिर से तेज है। दशहरा कार्यक्रम (Dussehra Program) के दौरान बाला साहेब की मृत्यु पर बयान देकर चर्चा में आए शिवसेना शिंदे गुट (Shiv Sena Shinde faction) के नेता राम कदम (Ram Kadam) शुक्रवार को भी अपने इस दावे पर अड़े रहे कि बाल साहेब ठाकरे की मृत्यु की घोषणा से 2 दिन पहले ही उनकी मृत्यु हो गई थी। इस दौरान उनका शव मातोश्री में रखा रहा। पूर्व मंत्री राम कदम ने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि बाला साहेब के निधन के बाद उद्धव ने उनकी अंगुलियों के निशान थे। कदम यहीं नहीं रुके उन्होंने उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा कि ठाकरे का और उनका नार्को टेस्ट कर लेना चाहिए, ताकि पता चल सके कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच।
राम कदम को इस मामले में अब शिवसेना के बाकी साथियों का समर्थन भी मिल रहा है। महायुति सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने भी रामकदम का समर्थन करते हुए कहा कि कदम द्वारा लगाए गए आरोपों में दम है। उन्होंने कहा, “कदम द्वारा लगाए गए आरोप झूठे नहीं हैं लेकिन हम इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते, क्योंकि इससे बाला साहेब की आत्मा को ठेस पहुंचेगी”
शिरसाट ने दावा किया कि बाला साहेब की अंतिम संस्कार की तैयारी उनके निधन की घोषणा के दो दिन पहले से ही की जा रही थीं। उन्होंने कहा, “मैं मातोश्री में था। पूर्व सांसद विनायक राउत (तब अविभाजित शिवसेना में) ने दो दिन पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। (मुंबई) पुलिस आयुक्त ने पूछा कि क्या हुआ है। इसके बाद, तत्कालीन शिवसेना नेता दिवाकर रावते ने राउत द्वारा की गई (अंतिम संस्कार की) व्यवस्था हटा दी।”
वहीं, दूसरी और भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे ने भी उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा कि उद्धव ने ही उन्हें बाला साहेब के अंतिम दिनों में उनसे मिलने नहीं दिया था। उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे ने नारायण राणे को बाल ठाकरे के अंतिम दिनों में उनसे मिलने नहीं दिया। कदम ही बेहतर बता सकते हैं कि उन दो-तीन दिनों में वहां (मातोश्री में) क्या हो रहा था। हमें बस इतना पता है कि स्विट्जरलैंड से कोई आने वाला था और कुछ कागजों पर हस्ताक्षर के बाद (निधन) की घोषणा होनी थी।” उन्होंने कहा कि जितनी देर उद्धव ठाकरे चुप रहेंगे, उतनी ही देर तक वह इन बातों को सही ठहराते रहेंगे। इसलिए उन्हें सामने आकर सच्चाई बतानी चाहिए।
उद्धव ठाकरे के प्रमुख सहयोगी संजय राउत ने राम कदम पर पलटवार करते हुए उनके इस आरोप को दिवंगत नेता के साथ विश्वासघात करार दिया। उन्होंने कहा, “ऐसे बयान देना बालासाहेब ठाकरे के साथ विश्वासघात है।”
क्या कहा था राम कदम ने?
शिवसेना नेता राम कदम ने दशहरे की एक रैली के दौरान यह दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने अपने दिवंगत पिता के शव के साथ अमानवीय व्यवहार किया था। उन्होंने कहा, ” उनके निधन के बाद मैंने उद्धव जी से उनके चरणों के निशान लेने को कहा था। लेकिन उद्धव जी ने कहा कि उन्होंने उनकी हथेलियों के निशान लिए हैं। इन निशानों का आपने क्या किया? मेरा और उद्धव जी का (इसकी पुष्टि के लिए) नार्को टेस्ट हो जाए।’’ कदम यहीं नहीं रुके उन्होंने दावा किया कि मातोश्री के जिस कमरे में शिवसेना के संस्थापक का शव रखा हुआ था। उस कमरे में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं थी।