साहस की कहानी: स्वरा भास्कर बोलीं – सच बोलना ही मेरी शक्ति है
मुंबई: ‘नवरात्रि का छठा दिन हमें याद दिलाता है कि असली शक्ति वही है जो डर के सामने खड़े होने और अपने विश्वास पर टिके रहने की ताकत देती है। साथ ही यह हमें सिखाता है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना भी असली शक्ति है। हाल ही में फिलिस्तीन में जो नरसंहार हो रहा है, उसके खिलाफ मैंने आवाज उठाई। इस भयानक अन्याय के सामने हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम चुप न रहें और अपनी आवाज उठाएं। मुझे यह पता था कि इस पर अपनी राय रखूंगी ताे मुझे ट्रोलिंग और विरोध का सामना करना पड़ेगा। लेकिन मेरे लिए यह सही निर्णय था। ऐसे समय में खड़े होना जरूरी था। मैं अपने कर्तव्य के हिसाब से बोलना चाहती थी। यही वह पल था जब मुझे सच में महसूस हुआ कि साहस और न्याय के लिए खड़े होना ही असली शक्ति है।’
छोटी-छोटी कोशिशों में ताकत होती है
‘मैंने महसूस किया कि असली हिम्मत तो इन रोजमर्रा की छोटी-छोटी कोशिशों में होती है। ये महिलाएं अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं। अपने बच्चों का भविष्य बेहतर बनाने की कोशिश करती हैं। और इसके बावजूद अक्सर अनदेखी रहती हैं। यह देखकर मुझे समझ आया कि साहस सिर्फ बड़े पल में नहीं होता। हर दिन की मेहनत और संघर्ष में भी साहस छिपा होता है।’
माता-पिता का समर्थन ही सब कुछ है
‘मेरे माता-पिता ने मुझे न केवल अच्छी परवरिश और शिक्षा दी, बल्कि उन्होंने मुझे यह भरोसा भी दिया कि चाहे कुछ भी हो, वह हमेशा मेरा साथ रहेंगे। मां-बाप का प्यार ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत होता है। यही भरोसा और समर्थन मुझे हर चुनौती का सामना करने की ताकत देता है। मेरी परवरिश ने मुझे अपनी बुद्धि का सहारा लेना सिखाया। समाज के दबावों से निपटना भी मैंने वहीं सीखा। सबसे बड़ा बेबाकी और आत्मविश्वास का कारण यह है कि मुझे पता है, कुछ भी हो, मेरे माता-पिता हैं और वे मुझे संभाल लेंगे।’
बस यह महसूस करें कि आप अकेले नहीं हैं
‘लड़कियों और महिलाओं के लिए मेरा संदेश एकदम सशक्त है। आप यह मानकर चलिए कि आप अकेली नहीं हैं। आपका जो अनुभव है, वह करोड़ों लड़कियों का अनुभव है। जब आप अपनी आवाज उठाएंगी और अपना सच बोलेंगी, तो आपको एक पूरा नया संसार मिलेगा। यह महसूस करना कि आप अकेली नहीं हैं, अपने आप ही साहस को जन्म देता है।’