भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए सख्त कानून, किस पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली। भारत सरकार ने विदेशी नागरिकों की एंट्री और निवास को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के मुताबिक अब ऐसे विदेशी नागरिक, जिन पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, जासूसी, आतंकवाद, दुष्कर्म, हत्या, बाल तस्करी या किसी प्रतिबंधित संगठन से जुड़ाव का आरोप सिद्ध होता है, तो उन्हें भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। विशेषज्ञों की मानें तो इससे विदेशी ताकतों की पैठ को रोकने में भी मदद मिल सकेगी।
यह प्रावधान हाल ही में लागू आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 के तहत किया गया है। इसके अनुसार, प्रत्येक राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को अवैध प्रवासियों और दोषी विदेशियों की आवाजाही सीमित करने के लिए विशेष हिरासत केंद्र (डिटेंशन कैंप) स्थापित करने होंगे। नए नियमों के तहत, भारत में किसी भी श्रेणी का वीजा लेने के इच्छुक विदेशी नागरिकों को अपनी बायोमेट्रिक जानकारी देना अनिवार्य होगा। इसमें भारत के प्रवासी नागरिक कार्ड (ओसीआई) के लिए आवेदन करने वाले लोग भी शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अवैध प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भारत के भीतर पकड़े जाने पर उन्हें निर्वासन तक होल्डिंग सेंटर या कैंप में रखा जाएगा। वहीं, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और तटरक्षक बल (कॉस्ट गॉर्ड) को जिम्मेदारी दी गई है कि वे संदिग्ध विदेशी नागरिकों की बायोमेट्रिक जानकारी और जनसांख्यिकीय विवरण दर्ज करें और अवैध घुसपैठ पर रोक लगाएं।
इसके अलावा, मादक पदार्थों की तस्करी, नकली यात्रा दस्तावेजों और मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी सहित) का गोरखधंधा, साइबर अपराध, बाल शोषण और मानव तस्करी जैसे अपराधों में शामिल पाए जाने पर भी भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
रोजगार नियमों में भी हुआ बदलाव
रोजगार संबंधी नियमों में भी बदलाव किया गया है। अब भारत में वैध रोजगार वीजा रखने वाला कोई भी विदेशी नागरिक, स्थानीय नागरिक प्राधिकरण की अनुमति के बिना बिजली और पानी की आपूर्ति से जुड़े निजी क्षेत्र के उपक्रमों में नौकरी स्वीकार नहीं कर सकेगा।
जानकारों की मानें तो इन सख्त प्रावधानों का उद्देश्य भारत की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को सुरक्षित रखना है। इससे काफी कुछ विदेशी घुसपैठ के साथ ही सीमापार जनित अपराधों पर रोक लगाई जा सकेगी।