जादू-टोने के शक में काट दी थी गर्दन, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

खंडवा : जादू-टोने की शंका में कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर नृशंस हत्या करने के आरोपी को मृत्युदंड मिला है. इस सनसनी खेज मामले में सात माह के भीतर न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कपड़े व कुल्हाड़ी पर लगा हुआ मृतक का खून की डीएनए रिपोर्ट और एसआई की मौजूदगी को अहम साक्ष्य मानते हुए आरोपी को मृत्युदंड (फांसी) की सजा दी गई है, अपने इस फैसले में अदालत ने आदेश दिया कि आरोपी को तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए.

शनिवार को कोर्ट ने सुनाया मृत्युदंड

यह फैसला शनिवार को न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौधरी ने दिया. न्यायालय ने आरोपी चंपालाल उर्फ नंदू पिता जालम (23) निवासी ग्राम छनेरा, पंधाना को धारा 103 (1) भारतीय न्याय संहिता में दोषी पाया. अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार पटेल द्वारा की गई.

डीएनए रिपोर्ट व एसआई की उपस्थिति को अहम साक्ष्य

डीएनए रिपोर्ट में अभियुक्त के कपड़े एवं कुल्हाड़ी पर मृतक रामनाथ पर खून लगे होने की वैज्ञानिकों द्वारा पुष्टि की गई. न्यायालय ने घटना स्थल पर एसआई रामप्रकाश यादव की उपस्थिति को अहम साक्ष्य माना. प्रकरण में साक्षियों को उपस्थित रखने में पुलिस अधीक्षक मनोज राय के निर्देश पर एसआई यादव ने छानबीन में साक्ष्य संग्रहित करने एवं साक्षियों को न्यायालय में उपस्थित रखने में अहम भूमिका निभाई.

मृतक के परिवार को न्याय मिला

पुलिस अधीक्षक ने बताया, '' मामला नृशंस हत्या का था. मामले में डीएनए रिपोर्ट करवाना और साक्ष्यों को समय पर कोर्ट पहुंचाना मुख्य काम था. डीएनए रिपोर्ट जल्दी बुलवाकर प्रकरण का साक्ष्य संचालन अभियोजन अधिकारी द्वारा शीघ्रता से किया. यही वजह है कि 7 माह में सनसनी खेज मामले में आरोपी को फांसी की सजा हुई. मृतक के परिवार को न्याय मिला.''

पत्नी की आंखों के सामने काट दी थी पति की गर्दन

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके ने बताया, '' ग्राम छनेरा निवासी शांतिबाई बिलोटिया की आंखों के सामने उसके पति रामनाथ की नृशंस हत्या हुई थी. शांता बाई ने पुलिस को बयान था कि 12 दिसंबर 2024 की रात करीब 2.30 बजे पति पेशाब करने के लिए उठे और घर के बाहर निकले. कुछ ही देर बाद घर के बाहर चीख सुनाई दी. मैं भी घर के बाहर निकली तो देखा कि मेरे पति रामनाथ को पड़ोसी चंपालाल उर्फ नंदू धानक कुल्हाड़ी से मार रहा था. बोल रहा था कि तू जादू-टोना करता है. नंदू धानक ने कुल्हाड़ी से पति रामनाथ की गर्दन काट दी.''

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