स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर टैक्स का वार, आईपीएल टिकटों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी

नई दिल्ली: भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरों का असर अब खेल जगत पर भी गहराई से पड़ने वाला है। हाल ही में जीएसटी काउंसिल ने स्लैब में बदलाव करते हुए खेल और उससे जुड़े आयोजनों पर टैक्स को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।

टिकट पर 40% जीएसटी
सबसे बड़ा बदलाव क्रिकेट के इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) जैसे आयोजनों पर देखने को मिलेगा। अब आईपीएल जैसे खेल आयोजनों में प्रवेश (टिकट) पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसका सीधा असर टिकट की कीमतों पर पड़ेगा और दर्शकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है। हालांकि, यह 40 प्रतिशत की दर सिर्फ आईपीएल जैसे आयोजनों पर लागू होगी।

500 रुपये से अधिक के टिकटों पर
दूसरी ओर, मान्यता प्राप्त खेल आयोजनों पर यह भारी कर नहीं लगाया जाएगा। यदि किसी मान्यता प्राप्त खेल आयोजन का टिकट 500 रुपये तक है तो वह पहले की तरह जीएसटी से मुक्त रहेगा। वहीं 500 रुपये से अधिक कीमत वाले टिकटों पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी जारी रहेगा। यानी, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मान्यता प्राप्त खेल टूर्नामेंटों के दर्शकों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जाएगा।

इन पर सरकार ने कसी नकेल
इसके अलावा, जीएसटी परिषद ने सट्टेबाजी, जुए, लॉटरी, घुड़दौड़ और ऑनलाइन मनी गेमिंग जैसी गतिविधियों को भी 40 प्रतिशत कर दायरे में लाने का फैसला किया है। यह फैसला न केवल इन क्षेत्रों के कारोबार को प्रभावित करेगा बल्कि सरकार को अतिरिक्त राजस्व भी दिला सकता है।

लोकप्रियता पर पड़ेगा असर?
कुल मिलाकर, जीएसटी स्लैब में बदलाव से खेल जगत में दोहरी तस्वीर उभर रही है। जहां एक तरफ आईपीएल जैसे फ्रेंचाइजी आधारित आयोजन महंगे होंगे, वहीं मान्यता प्राप्त खेल आयोजनों में दर्शकों के लिए राहत बनी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला सरकार के राजस्व बढ़ाने की दिशा में अहम कदम है, लेकिन लंबे समय में इसका असर दर्शकों की भागीदारी और खेल आयोजनों की लोकप्रियता पर भी दिख सकता है।

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