कर्नाटक में RSS के साथ अन्य संगठनों पर भी लागू होगा बैन वाला निर्णय, सिद्धारमैया सरकार ने दी सफाई
बेंगलुरु । कर्नाटक (Karnataka) में सार्वजनिक और सरकारी स्थलों पर आयोजित करने पर प्रतिबंध केवल आरएसएस (RSS) के लिए नहीं है। यह बात कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने कही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की इजाजत के बिना किसी भी संगठन को ऐसे आयोजन की अनुमति नहीं है। सिद्धारमैया ने कहा कि वास्तव में यह नियम भाजपा के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने बनाया था। गौरतलब है कि कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए नियम बनाने का निर्णय लिया। इन गतिविधियों में सड़कों पर मार्च करना और सार्वजनिक स्थानों तथा सरकारी परिसरों में कार्यक्रम आयोजित करना भी शामिल है।
फैसले की हो रही आलोचना
कर्नाटक सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना हो रही है। बताया जा रहा है कि यह निर्णय राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियंक खरगे द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को लिखे गए एक पत्र के आधार पर लिया गया, जिसमें उन्होंने आरएसएस और इससे संबद्ध संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। वहीं, इस मामले पर भाजपा की आलोचना का जवाब देने के लिए, सरकार ने तत्कालीन भाजपा प्रशासन द्वारा जारी 2013 का एक सर्कुलर पेश किया। इसमें स्कूल परिसर और उससे जुड़े खेल के मैदानों का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए सीमित किया गया था।
प्रियंक खरगे ने क्या कहा था
इससे पहले इस नियम पर आरएसएस का नाम लिए बिना प्रियंक खरगे ने कहा था कि हम किसी संगठन को नियंत्रित नहीं कर सकते। लेकिन अब से आप सार्वजनिक स्थानों या सड़कों पर जो चाहे नहीं कर सकते। आपको जो भी करना है, वह सरकार की अनुमति लेने के बाद ही करना होगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार पर निर्भर करेगा कि वह ऐसी गतिविधियों को अनुमति देती है या नहीं।
मंत्री ने कहा कि अनुमति देने के लिए कुछ मानक हैं। उन्होंने कहा कि आप केवल अधिकारियों को सूचना देकर सड़क पर लाठी लहराते हुए नहीं चल सकते या पथ संचलन नहीं कर सकते। ये सभी चीजें हमारे द्वारा लागू किए जाने वाले नियमों का हिस्सा होंगी।