ट्रंप का दौरा: चीन से संबंध सुधारने की कोशिश, शी जिनपिंग से मुलाकात की उम्मीद

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ संबंध सुधारने में असफलता के बाद चीन की ओर रुख किया है। पुतिन को अलग-थलग करने की कोशिश नाकाम रहने के बाद ट्रंप ने एशिया दौरे से पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की इच्छा जताई है। हालांकि, यह मुलाकात अभी फाइनल नहीं हुई है, लेकिन मलेशिया में चल रही व्यापार वार्ताओं से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। ट्रंप का यह कदम अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को समाप्त करने और क्षेत्रीय स्थिरता बहाल करने की दिशा में है, जहां रूस-चीन की नजदीकी अमेरिकी कूटनीति के लिए चुनौती बनी हुई है।
ट्रंप का छह दिवसीय एशिया दौरा शनिवार को मलेशिया से शुरू हुआ, जहां वे शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इसके बाद जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा होगा, जहां एपीईसी शिखर सम्मेलन के दौरान 30 अक्टूबर को शी जिनपिंग से द्विपक्षीय बैठक की उम्मीद है। व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने पुष्टि की कि यह बैठक दक्षिण कोरिया के ग्यॉंगजू या बुसान में हो सकती है। ट्रंप ने एयर फोर्स वन पर पत्रकारों से कहा, मुझे लगता है कि हम चीन के साथ एक शानदार सौदा करेंगे। यह दौरा ट्रंप के दूसरे कार्यकाल का पहला एशिया दौरा है, जो व्यापार, सुरक्षा और उत्तर कोरिया जैसे मुद्दों पर केंद्रित है।
ट्रंप-शी मुलाकात से पहले मलेशिया में अमेरिका-चीन के बीच शनिवार को बहुत रचनात्मक व्यापार वार्ता हुई। अमेरिकी वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों पक्षों ने मलेशिया के मर्डेका 118 (दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची इमारत) में अच्छी चर्चा की, जो अगले दिन जारी रहेगी। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चीनी उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग से मुलाकात की, जहां दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव पर बात हुई। मुख्य मुद्दे थे: दुर्लभ मिट्टी (रेर अर्थ्स) के निर्यात पर चीनी प्रतिबंध, कृषि खरीद, टिकटॉक, फेंटेनिल और द्विपक्षीय व्यापार।बेसेंट ने कहा, हमने नेताओं की बैठक के लिए एक सफल ढांचा तैयार किया है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने कुआलालंपुर में पत्रकारों से कहा कि वार्ता व्यापक थीं, जिसमें टैरिफ ट्रूस को 10 नवंबर तक बढ़ाने पर चर्चा हुई। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने पुष्टि की कि हे लिफेंग 24-27 अक्टूबर तक मलेशिया में हैं। ये पांचवीं दौर की वार्ता हैं, जो सितंबर में अमेरिकी ब्लैकलिस्ट विस्तार और चीनी प्रतिबंधों से पैदा तनाव को कम करने का प्रयास हैं। यदि सफल रही, तो 100% टैरिफ से बचाव संभव है, जो अमेरिकी उद्योगों के लिए राहत होगा।
ट्रंप प्रशासन रूस को चीन से अलग करने की कोशिश में जुटा है, लेकिन पुतिन-शी की नजदीकी ने इसे मुश्किल बना दिया। फरवरी 2025 में ट्रंप-पुतिन की सऊदी अरब मुलाकात और अगस्त में अलास्का शिखर सम्मेलन के बावजूद, रूस ने यूक्रेन युद्ध में कोई बड़ा समझौता नहीं किया। चीन ने पुतिन को सच्चा मित्र कहा और युद्ध समाप्ति के लिए ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की रिवर्स निक्सन रणनीति (रूस को चीन से अलग करना) विफल हो रही है, क्योंकि बीजिंग-मॉस्को संबंध मजबूत हैं।ट्रंप ने कहा कि वे रूस के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं, लेकिन यूक्रेन पर पुतिन की जिद ने बाधा डाली। अब चीन से मदद मांगकर ट्रंप आशा कर रहे हैं कि शी मध्यस्थता करेंगे। दक्षिण कोरिया में ट्रंप उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से भी मिलने की इच्छा जता चुके हैं, जो क्षेत्रीय शांति के लिए महत्वपूर्ण होगा।ट्रंप ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे चीन के साथ व्यापार युद्ध खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमारे कई संदेह और सवाल सुलझेंगे। यदि मुलाकात सफल रही, तो यह अमेरिका के लिए निवेश सौदों और शांति प्रयासों में प्रगति लाएगी। हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि टैरिफ तनाव बढ़ा, तो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होगी। मलेशिया, वियतनाम जैसे देशों को इससे लाभ हो सकता है, लेकिन विफलता पर जोखिम बढ़ेगा।
