उदयपुर का रंगमंच बनेगा खास, ‘गुगल कर ले रे…’ में पहली बार दिखेंगे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु

झीलों की नगरी उदयपुर इस शनिवार एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनेगी, जब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) से लौटे प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शहर पहुंचेंगे। उनकी विशेष उपस्थिति सरकारी स्कूलों के बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले नाटक ‘गुगल कर ले रे…’ में रहेगी, जिसका आयोजन विद्याभवन स्कूल के मुक्ताकाशी रंगमंच पर किया जाएगा।
नाटक में अतिथि नहीं, कलाकार के रूप में भी दिखेंगे शुक्ला
इस आयोजन की सबसे खास बात यह है कि ग्रुप कैप्टन शुक्ला केवल मुख्य अतिथि ही नहीं रहेंगे, बल्कि नाटक के एक हिस्से में स्वयं मंच पर उतरकर प्रस्तुति का हिस्सा भी बनेंगे। ग्रामीण अंचल से आने वाले विद्यार्थियों के बीच एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री की सहभागिता बच्चों के आत्मविश्वास और रचनात्मकता को नई दिशा देगी।
ग्रामीण विद्यार्थियों की पहली बड़े मंच पर प्रस्तुति
साहित्यकार ‘कहानीवाला’ रजत मेघनानी द्वारा लिखित और प्रयास संस्थान के सुनील टांक द्वारा निर्देशित इस नाटक में सरकारी स्कूल के बच्चे पहली बार बड़े मंच पर अपनी प्रस्तुति देंगे। इसमें राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वरड़ा के विद्यार्थी और कुछ स्थानीय कलाकार मिलकर अभिनय करेंगे।
कई संस्थाओं का सहयोग, आयोजन को मिला विशेष समर्थन
यह कार्यक्रम क्रिएटिव सर्किल द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें आरएसएमएम, वंडर सीमेंट, नींव, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर और विद्याभवन सोसायटी का सहयोग शामिल है। कार्यक्रम के संयोजक, स्केच आर्टिस्ट और आर्किटेक्ट सुनील एस. लड्ढा हाल ही में ग्रुप कैप्टन शुक्ला से मिले थे और उन्हें इस अनूठे आयोजन का निमंत्रण दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
उदयपुर के कला जगत में अनोखा प्रयोग
यह कार्यक्रम कई मायनों में विशेष है, क्योंकि पहली बार सिद्धहस्त कलाकारों की जगह सरकारी स्कूल के छात्र मुख्य भूमिका निभाते दिखेंगे। वहीं, ग्रुप कैप्टन शुक्ला बच्चों से संवाद करेंगे और उन्हें प्रेरित करेंगे। आयोजन को लेकर शहर में उत्साह का माहौल है और तैयारियां तेजी से चल रही हैं।
बच्चों में बढ़ेगा आत्मविश्वास और रचनात्मकता
आयोजकों के अनुसार यह प्रयास शिक्षा, कला और अंतरिक्ष विज्ञान के बीच एक अनूठा संवाद स्थापित करेगा। उम्मीद है कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों को नई प्रेरणा मिलेगी और रचनात्मक वातावरण को बढ़ावा मिलेगा।
