गाय की महिमा को समझते हुए आमजन प्रतिदिन करें गौसेवा-सीएम
जयपुर । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री निवास पर गौशालाओं की अनुदान राशि बढ़ाने पर आयोजित आभार सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के साथ ही गौमाता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संकल्पित होकर काम कर रहे है। हाल में पेश किए गए राज्य बजट में गौमाता और पशुपालकों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। प्रदेशभर में संचालित गौशालाओं तथा नंदीशालाओं के लिए प्रति पशु अनुदान राशि को इस वर्ष 15 प्रतिशत बढ़ाकर 50 रूपये प्रतिदिन करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमने पिछले साल गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना प्रारंभ की थी, जिसमें गौवंश हेतु शेड, खेली निर्माण तथा दुग्ध, चारा, बांटा संबंधी उपकरण खरीदने के लिए एक लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। अब हम आगामी वित्त वर्ष में भी ढाई लाख गोपालक परिवारों को इस योजना का लाभ मुहैया कराएंगे। श्री शर्मा ने कहा कि गोपालकों को और अधिक राहत देते हुए गोपाल क्रेडिट कार्ड के लिए जरूरी सभी दस्तावेजों पर स्टांप ड्यूटी माफ करने और योजना के प्रावधानों को सरल बनाने का भी बजट में प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास भी हो रहा है और देश की विरासत भी समृद्ध होती जा रही है। वे देश-दुनिया के करोड़ों लोगों के महानायक हैं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, दृढ़ निश्चय, योजनाबद्ध कार्य और दूरदृष्टि से देश और दुनिया को एक नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान का प्रवासी देश-दुनिया में अपनी मिट्टी से जुड़ा हुआ है तथा प्रवासियों ने हर जगह गौशालाएं बनायी है जिससे गौसेवा के पुण्य कार्यों को बढ़ावा दिया जा सके। शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन गौ-संरक्षण के लिए दूरदर्शी सोच के साथ काम कर रही है। इसी क्रम में प्रदेश के पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजनाÓ के दायरे को बढ़ाते हुए आगामी वित्त वर्ष में प्रत्येक श्रेणी में बीमित पशुओं की संख्या दोगुनी की जाएगी। उन्होंने कहा कि पशुधन नि:शुल्क आरोग्य योजना के तहत औषधियों एवं टीकों की संख्या में वृद्धि, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत दुग्ध संग्रहण के लक्ष्य को बढ़ाना, सर्दियों में गौशालाओं को आवश्यकता अनुसार अनुदान के स्थान पर बाजरा का विकल्प, एक हजार नवीन सहकारी समितियों अथवा संग्रह केंद्रों की स्थापना, 100 पशु चिकित्सा अधिकारियों एवं एक हजार पशुधन निरीक्षकों की भ़र्ती सहित विभिन्न कार्य गौसेवा के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे है।