पितृ पक्ष में शनिवार के दिन क्या करें? कैसे होगी न्याय के देवता की कृपा, जानिए 5 उपाय
पितृ पक्ष का प्रारंभ अश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि से होता है. इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 दिन रविवार से हो रही है. पितृ पक्ष 14, 15 या 16 दिनों का होता है. तिथियों के कम या ज्यादा होने पर इसके दिन घट या बढ़ जाते हैं. इस बार पितृ पक्ष 14 दिन तक चलेंगे. इस दौरान लोग अपने पितरों को याद कर तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, दान, ब्राह्मण भोज, पंचबलि आदि करते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से पितर खुश होते हैं और तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं. पितृ पक्ष के दौरान पड़ने वाले शनिवार का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यता है कि, शनिवार को किए गए उपाय न केवल पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करते हैं, बल्कि परिवार में सुख-समृद्धि और शांति का संचार भी करते हैं. अब सवाल है कि आखिर पितृ पक्ष के शनिवार को क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं इस बारे में-
पितृ पक्ष के शनिवार को किए जाने वाले उपाय
– पितृ पक्ष के दौरान शनिवार के दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ किए गए उपायों से पितरों की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है. मान्यता है कि, पितृपक्ष में शनिवार के दिन घर पर ही तुलसी या पीपल के पेड़ के नीचे तर्पण करना भी लाभकारी है. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपनी संतानों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
– पितृ पक्ष में शनिवार के दिन निमित्त काले तिल का दान करना चाहिए. मान्यता है कि, ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है. इसके लिए तिल को पवित्र जल में मिलाकर तर्पण करें. इसके अलावा, काले तिल का दान किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है.
– पितृपक्ष में पीपल की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है, क्योंकि यह वृक्ष पितरों का वास स्थान माना गया है. पूजा के दौरान पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और उसके चारों ओर सात बार परिक्रमा करें. इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
– पितृ पक्ष के शनिवार को जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अनाज का दान भी करें. इसके अलावा, इस दिन काले वस्त्र, उड़द, तिल और लोहे से बनी वस्तुओं का भी दान करें. ऐसा करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का संचार होता है.
– पितृ पक्ष के शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक भी जलाना शुभ माना जाता है. हालांकि, दीपदान के समय प्रार्थना करें कि आपके पितर तृप्त हों और उनके आशीर्वाद से आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहे. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिल सकती है