संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार 

नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। सत्र से पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विपक्ष ने कई मुद्दों को उठाने की तैयारी दिखाई है। कांग्रेस ने अडानी मामले पर सदन में चर्चा की मांग रखी है। बैठक उपरांत केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार संसद में किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। इसी के साथ उन्होंने सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने की अपील की।सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी मामले के साथ ही अडानी समूह पर लगे आरोपों और मणिपुर हिंसा को लेकर चर्चा की मांग की। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपों का हवाला देते हुए इस पर विस्तृत चर्चा का आग्रह किया है। साथ ही मणिपुर में जातीय हिंसा और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए चर्चा की मांग रख दी है। इसके साथ ही विपक्ष ने बढ़ते प्रदूषण और हालिया रेल दुर्घटनाओं के मामले पर भी चर्चा की मांग की है। किरण रिजिजू ने बैठक बाद कहा कि सरकार सत्र के दौरान हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, कि हमारा उद्देश्य सत्र शांति और उत्पादकता के साथ पूरा हो। सदन में सार्थक चर्चा हो और सभी सदस्य अपनी भागीदारी निभाएं। महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों से भाजपा आत्मविश्वास से भरी हुई है, लेकिन विपक्ष के आक्रामक रुख को देखते हुए कहा जा रहा है कि संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने वाला है। 

संविधान दिवस पर होगा विशेष आयोजन
26 नवंबर को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में संसद का कोई सत्र नहीं होगा। इस दिन संविधान भवन में विशेष समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि होंगी। इस मौके पर संविधान निर्माण की प्रक्रियाओं और ऐतिहासिक तथ्यों को जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से विशेष दस्तावेज और पुस्तकें जारी की जाएंगी।

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