कहीं आपने भी तो नहीं डाउनलोड कर लिया फर्जी ‘भीम’ ऐप, ऐसे करें पता

कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए 'भीम' ऐप के लॉन्च होते ही फेक डेवलपर्स हरकत में आए गए हैं. लॉन्च होने के साथ ही 'भीम' ऐप गूगल प्‍ले स्‍टोर पर सबसे ज्‍यादा डाउनलोड किए जाने वाले ऐप में शामिल हो गया इसलिए हैकर्स की नजरें भी इस पर टिकी हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर को इसे लॉन्‍च किया है. डेवलपर्स ने हूबहू 'भीम' ऐप की तरह ही कई सारे ऐप्स बनाकर प्ले स्टोर पर डाल दिया है. जिनमें मोदी भीम, भीम यूपीआई बैंक नो इंटरनेट नाम के ऐप शामिल हैं. अगर आप भी सही और गलत ऐप को लेकर कनफ्यूज्ड हैं तो हम बताते हैं आपको सही तरीका जो सही ऐप डाउनलोड करने में आपकी मदद करेगा.

 

 

 

 

  • सबसे पहले तो ये ध्यान रखें कि इसे ऑपिशियल गूगल प्‍ले स्‍टोर से ही डाउनलोड करें.
  • भीम को नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑप इंडिया (एनपीसीआई) ने बनाया है बिना उसका सरटिफिकेशन देखे उसे डाउनलोड ना करें.
  • आपको बहतेरे ऐसे ऐप्स मिल जाएंगे जिसके जीओवी.इन (गोव डॉट इन) वेरिफाइड होने की बात कही गई होगी. इन पर जरा भी ध्यान मत दें. ऐसे ऐप पूरी तरह से फर्जी हैं. ऐसे कोई भी ऐप आपकी प्राइवेसी में सेंध लगा सकता है.
  • नरेंद्र मोदी सरकार ने यह ऐप कैशलेस या लेस-कैश इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की है. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर आधारित इस ऐप की खासियत है कि, ये सभी बैंकों के लिए कॉमन है.
  • इसका इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल बैंकिंग की जरूरत नहीं है. सिर्फ आपका मोबाइल नंबर बैंक खाते से लिंक होना चाहिए।

Leave a Reply