‘ट्रंप के आने से ऑस्ट्रेलिया के लोग भी बदले, नस्लीय हमले अब आए दिन की बात’

मेलबर्न. ऑस्ट्रेलिया में नस्लीय हमले के शिकार भारतीय का कहना है कि ट्रंप के आने के बाद यहां लोगों की मनोदशा बदल गई है. उनके मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में नस्लीय टिप्पणियां व हमले हर दिन की बात हो गए हैं. वहीं दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलियन हाई कमीशन ने इस घटना पर दुख जताया है.

पीड़ित 33 वर्षीय ली मैक्स जॉय के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के असर के कारण ऑस्ट्रेलिया में नस्लीय हिंसा बढ़ी है. उन्होंने कहा कि वह 8 सालों से होबार्ट में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. पिछले हफ्ते भी वे ऐसी ही एक घटना के शिकार हुए थे.

अपशब्द कहकर मारे 30-40 मुक्के

द मर्करी अखबार के मुताबिक, केरल से ताल्लुक रखनेवाले ली मैक्स जॉय यहां पार्ट टाइम टैक्सी ड्राइवर का काम करते हैं. उन पर उत्तरी होबार्ट के मैकडोनाल्ड रेस्तरां में लड़कों के एक ग्रुप ने हमला कर दिया. उन्होंने जॉय के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया और घूंसे मारे.

सुषमा स्वराज से मांगी मदद

जॉय का कहना है कि उन लड़कों का मैकडोनाल्ड मैनेजमेंट से झगड़ा हो रहा था, उसी समय वे कॉफी लेने गए थे. इतने में लड़कों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया और 30-40 मुक्के मारे. मैकडोनाल्ड के कर्मचारियों ने पुलिस को बुलाया और पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया. जॉय ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस घटना की विस्तृत जानकारी भेजी है और मदद मांगी है. बता दें कि पिछले साल जून में होबार्ट में ही चार लोगों ने एक दूसरे टैक्सी ड्राइवर पर भी इसी तरह का नस्लीय हमला किया था.

ऑस्ट्रेलियन हाई कमीशन ने जताया दुख

हाई कमीशन के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि हम इस हफ्ते तस्मानिया के होबार्ट शहर में भारतीय मूल के एक टैक्सी ड्राइवर पर हुए हमले को लेकर दुख जताते हैं. प्रवक्ता ने कहा कि हमें पता चला है कि इस हमले में वह मामूली रूप से जख्मी हो गए. उन्हें रॉयल होबार्ट हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई है. हम ऑस्ट्रेलिया में रहने वालों की सिक्युरिटी को बहुत महत्व देते हैं. इनमें भारतीय समुदाय के लोग भी शामिल हैं. हाई कमीशन के प्रवक्ता के अनुसार, यह देश में इस तरह का ताजा मामला है, जिसकी तस्मानिया पुलिस जांच कर रही है.

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