नवरात्रि से पहले करें ये बदलाव, पूरा साल मिलेगा नवदुर्गा का आशीष

फाल्गुन माह अंग्रेजी माह फरवरी-मार्च के दौरान आता है। फिर चैत्र माह शुरू हो जाता है, जिससे हिंदू नव वर्ष का आगमन होता है। फागुन महीने में न तो अधिक सर्दी और न ही गर्मी होती है। चैत्र ही ऐसा एकमात्र मास है जिसमें प्रकृति पल्लवित एवं पुष्पित होती है। अंग्रेजी नववर्ष रात्रि के समय आरंभ होता है जबकि भारतीय नव-संवत्सर सूर्योदय से आरंभ होता है जो अधिक वैज्ञानिक तथा प्रकृति के निकट है। महाराष्ट्र में आज के दिन को गुड़ी पड़वा कहा जाता है। विक्रमी संवत के अलावा शक् संवत्, ग्रिगेरियन, वीर और हिजरी संवत् आदि का भी प्रचलन है। सृष्टि निर्माण की तिथि भी आज ही मानी गई है और आज के दिन से ही आदिशक्ति के नौ रूपों की पूजा नवरात्रि के रूप में होती है। हिंदू नव वर्ष अपने साथ नई ऊर्जा और ढेरो अवसर लेकर आता है। इस दौरान वास्तु की सहायता से अपने बैडलक को गुडलक में परिवर्तित किया जा सकता है।

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गुडलक का अपने घर में प्रवेश करवाने के लिए मुख्य द्वार पर ॐ, स्वास्तिक, गणेश अथवा श्री के चिन्ह लाल सिंदूर से अंकित करें।


वैसे तो दीवाली के मौके पर घर-कार्यस्थान पर पेंट करवाना बहुत शुभ फलदाई होता है, यदि किसी कारणवश नहीं करवा पाए तो नवरात्रि आने से पहले करवा लें।


रंग-बिरंगी रंगाेली से घर को सजाने के लिए पहले ही रंग बना कर रख लें और उन्हें अच्छी धूप दिखाएं। रंगोली से नवदुर्गा के स्वागत के लिए उनके चरणाें का स्वरूप इस तरह बनाएं कि वाे घर में आ रही हाें। 


आम के पत्ताें का बंधन बना कर मुख्य द्वार पर लगाएं। 


बैडरूम की ख‌िड़क‌ियों में क्र‌िस्टल लगाएं।


घर या दुकान के आस-पास नाला अथवा बोर‌िंग है तो घर की उत्तर पूर्व दिशा में गणेश जी का चित्र अथवा प्रतिमा लगाएं।


मनी प्लांट, बैंबू या तुलसी का पौधा लगाएं।


कबाड़ को घर से बाहर करें।


आप मेहनत तो करते हैं लेकिन उसके अनुरूप इनकम न हो रही हो तो घर अथवा चाहरदीवारी के अंदर बाएं कोने में कोई भी भारी अथवा ठोस चीज रखें।


घर अथवा कार्य स्थान पर एक्‍वेर‌ियम रखें। घर में मछली को रखना शगुन माना जाता है। यह घर को बुरी नजर से बचाती है। इससे आपके जीवन में धन, वैभव एवं सुख-समृद्धि आती है। 


घर की उत्तर-पूर्व दिशा में लाफिंग बुद्धा रखें।

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