निठारी कांडः दोषी कोली और पंढेर को फांसी की सजा

गाजियाबाद। निठारी कांड के एक और मामले में विशेष सीबीआई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मोनिदर सिह पंधेर को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने युवती का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म व हत्या के मामले में दस साल चली सुनवाई के बाद सजा का ऐलान किया है। इससे पहले कोर्ट ने दोनों को दोषी मानते हुए सजा के 24 जुलाई का दिन तय किया था।

सुरेंद्र कोली को निठारी कांड के आठवें मामले में दोषी करार दिया गया है, जबकि कोठी के मालिक मोनिदर सिह पंधेर पर दूसरे मामले में दोष सिद्ध हुआ है। एक मामले में 2009 में पंधेर व कोली को फांसी की सजा हुई थी, जिसमें पंधेर को हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था।

प्रदेश सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रखी है। खुली अदालत में फैसला सुनाने के दौरान एक तरफ जहां सुरेंद्र कोली कटघरे में खड़ा होकर ध्यान से आदेश सुनता रहा, वहीं दूसरी तरफ दोषी करार दिए जाते ही मोनिदर सिह पंधेर फफक पड़ा।

कोली ने अदालत से बाहर निकलते ही निर्णय को एकतरफा बताया। कहा कि उसे सुना नहीं गया। फैसले के दौरान पीड़ित या आरोपी किसी भी ओर से कोई करीबी मौजूद नहीं रहा।

यह थी घटना

सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि नोएडा के निठारी गांव में रह रही पश्चिम बंगाल के बहरामपुर निवासी 20 वर्षीय युवती सेक्टर 37 में एक कोठी में घरेलू सहायिका थी। वह रोजाना निठारी के डी-5 कोठी के सामने से गुजरती थी। पांच अक्टूबर 2006 को वह कोठी में काम करने गई थी। काम खत्म करने के बाद उसने दोपहर 1ः30 बजे वहीं सीरियल कुमकुम देखा और फिर घर के लिए रवाना हुई, लेकिन घर नहीं पहुंची। पिता ने नोएडा के थाना सेक्टर-20 में गुमशुदगी की तहरीर दी थी।

पुलिस ने 30 दिसंबर 2006 को नोएडा के सेक्टर 20 थाने में हत्या का मामला दर्ज किया। दस जनवरी 2007 को केस सीबीआइ को ट्रांसफर किया गया।

इस मामले में सीबीआई ने 11 जनवरी 2007 को पंधेर व कोली के खिलाफ युवती के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या का मुकदमा दर्ज किया। जांच के बाद 11 अप्रैल 2007 को चार्जशीट पेश की।

 

सवा दस साल के मुकदमे की कार्रवाई में विशेष लोक अभियोजक ने 46 गवाहों को पेश कर बयान दर्ज कराए। वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से तीन गवाह पेश किए गए। खास बात यह है कि सुनवाई के दौरान सुरेंद्र कोली ने 56 दिन स्वयं बहस की। उसने अपनी पैरवी करने वाले कई अधिवक्ताओं को हटा दिया था।

करनी पर रोया पंधेर

हवस शांत करने के लिए पानी की तरह पैसा बहाने वाला मोनिदर सिह पंधेर दूसरी बार अपनी करनी पर कोर्ट में रोता रहा, लेकिन जब पुलिस जेल ले जाने लगी तो शांत हो गया। वहीं सुरेंद्र कोली पहले की तरह ही मीडिया से बात करते हुए कोर्ट पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाता रहा।

एय्याशी के लिए डी-5 कोठी को बना रखा था अड्डा

पंजाब के व्यवसायी मोनिदर सिह पंधेर ने एय्याशी के लिए नोएडा के निठारी में डी-5 कोठी में ठिकाना बना रखा था। आरोप है कि इस कोठी में 16 लोगों की हत्या की गई। इनमें आठ खून साबित हो चुके हैं। अदालत ने माना कि हत्याएं इसलिए की गई थीं कि कहीं दुष्कर्म के बाद पीड़िताएं मामले की जानकारी परिजनों को न दे दें।

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