फर्जी कंपनियों पर ‘शनि’ भारी, 300 कंपनियों पर छापेमारी
नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) ने देशभर में ब्लैकमनी के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चला रहा है। ई.डी. ने एक साथ 16 राज्यों में 300 फर्जी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी में ई.डी. ने विश्वज्योति रीयल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद एवं अन्य कंपनियों की 3.04 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। इन पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग ऐक्ट (पी.एम.एल.ए.) के तहत एक्शन लिया गया है।
टी.वी. रिपोर्टों के अनुसार इन कंपनियों ने नोटबंदी के दौरान ब्लैकमनी को व्हाइट किया है। इसके अलावा, इन कंपनियों का मनी लांड्रिंग में शामिल होने का शक है।
ई.डी. के सैकड़ों अधिकारी कोलकाता, दिल्ली, बैंगलूर, मुंबई, चंडीगढ़, पटना, हैदराबाद, चेन्नई, कोच्चि आदि में छापेमारी अभियान चला रहे हैं। ई.डी. की इस छापेमारी अभियान से देशभर के सफेदपोशों में हड़कंप मचा हुआ है।
दो कारोबारी हो चुके हैं गिरफ्तार
– करीब 8 हजार करोड़ रुपए की मनी लांड्रिंग और ब्लैकमनी के रैकेट के मामले में ई.डी. ने दिल्ली के 2 कारोबारियों का गिरफ्तार किया था।
– पैसों को ईधर से उधर करने के लिए बनाई गई फर्जी कंपनियों के खिलाफ अभियान के तहत ई.डी. ने ये दोनों गिरफ्तारियां की थी।
– ई.डी. के अधिकारी के मुताबिक, सुरेंद्र कुमार जैन व वीरेंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया।
ऐसे सामने आया मामला
– यह मामला तब सामने आया जब निदेशालय ने पिछले महीने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पी.एम.एल.ए.) के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज की।
– निदेशालय ने यहां की एक फर्म की 64.70 करोड़ रुपए की संपत्तियों को हाल ही में कुर्क कर दिया था।
– संदेह है कि यह सारा रैकेट 8000 करोड़ रुपए मूल्य से अधिक का है।
– जैन बंधु कालेधन को नकदी में लेते थे, जो किसी मीडिएटर के जरिए आता था।
– फिर इस रकम को बेनामी कंपनियों की बुक्स में दिखाया जाता था।
– इसके बाद बैंकिंग चैनल के माध्यम से इसे ब्लैकमनी वाले को वापस कर दिया जाता था। इस काले कारोबार में जैन ब्रदर्स अपना हिस्सा लेते थे।