ब्रिटेन के आम चुनाव में मतदान शुरू, 5 करोड़ वोटर करेंगे मे के भविष्य का फैसला

लंदन। मौजूदा प्रधानमंत्री टेरीजा मे और विपक्षी नेता जेर्मी कोर्बिन में से किसी एक के हाथ में देश की कमान सौंपने का फैसला करने के लिए ब्रिटेन में आज मतदान शुरू हो गया। हाल ही में दो आतंकी हमलों का शिकार बने इस देश में ५ करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।

करीब ५ करोड़ वोटर्स डालेंगे वोट
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण ब्रितानी प्रधानमंत्री को उनके मौजूदा पद पर बनाए रखने के पक्ष में दिखाई देते हैं। टेरीजा मे ने ५२ दिन पहले मध्यावधि चुनावों का आह्वान किया था।  मतदान ब्रिटेन के समयानुसार रात १० बजे (भारतीय समयानुसार देर रात ढाई बजे) संपन्न होगा। मतदान पूरा होने के एक घंटे के भीतर नतीजे आने की संभावना है।
इन चुनावों में खास बात ये है कि इस चुनाव में कई राजनीतिक पार्टियों से भारतीय मूल के ५६ कैंडिडेट्स चुनाव लड़ रहे हैं। २०१५ में १० भारतीय मूल के लोग चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। प्रीति पटेल, आलोक शर्मा, वीरेंद्र शर्मा और शैलेश वारा भारतीय मूल के बड़े चेहरे हैं।इसके अलावा चुनाव लड़ने वालों में जाधवपुर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुका एक भारतीय और एक १८ साल का यूथ भी शामिल हैं। चुनाव में करीब ५ करोड़ वोटर्स वोट डालेंगे।

१९ जून से शुरू होगा ब्रेग्जिट का प्रॉसेस
कुल ६५० सीटों के लिए वोट पड़ेंगे। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए ३२६ सीटें जीतना जरूरी है। ब्रेग्जिट की प्रॉसेस १९ जून से शुरू होनी है। हालांकि मैनचेस्ट और लंदन में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद राजनीतिक हालात बदल गए हैं। आतंकी हमला अब बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है।

भारतीय मूल के १५ लाख मतदाता
मे(६०)ने निर्धारित समय से तीन साल पहले ही चुनावों का आह्वान कर दिया था। उन्होंने २८ सदस्यों वाले यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने से जुड़ी पेचीदा बातचीत से पहले ही इन चुनावों को करवा लिया है। तीन साल में ब्रिटेन के इस चौथे बड़े चुनाव में ४.६ करोड़ लोग मतदान के योग्य हैं। इनमें १५ लाख मतदाता भारतीय मूल के हैं। इससे पहले वर्ष २०१४ में स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता के लिए जनमत संग्रह हुआ था, वर्ष २०१५ में आम चुनाव हुआ था और वर्ष २०१६ में ब्रेग्जिट के मुद्दे पर मतदान हुआ था। यह देखा जाना अभी बाकी है कि मध्यावधि चुनाव कराने का टेरीजा का फैसला उनकी कंजर्वेटिव पार्टी की जीत के पूर्वानुमानों को यथार्थ में बदल पाता है या फिर लेबर पार्टी हाऊस ऑफ कॉमन्स में टेरीजा की पार्टी के हल्के बहुमत को नुकसान पहुंचाने में सफल हो जाती है।

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