भारत को झटका, महीने भर तक माल्या पर नहीं हो सकेगी कोई भी कार्रवाई
गौरतलब है कि अदालती सुनवाई में ब्रिटिश अधिकारियों के सहयोग के लिए पहले ही जांच एजेंसी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की 4 सदस्यीय टीम ने लंदन में डेरा डाल रखा है। बैठक में ब्रिटेन में सक्रिय खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों और आतंकी संगठन आईएस से जुड़े आतंकवादियों पर भी खुफिया सूचनाएं साझा की। बैठक में महर्षि ने माल्या के प्रत्यर्पण के मामले में ब्रिटिश सरकार की ओर से सकारात्मक रुख की सराहना की।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया में तेजी लाने और अदालती कार्रवाई को आसान बनाने केलिए भारतीय अभियोजन एजेंसी और ब्रिटिश अभियोजन विभाग क्राउन प्रोसीक्यूशन के बीच सीधा संवाद कायम करने का भी सुझाव दिया।
गौरतलब है कि 1992 में भारत और ब्रिटेन ने प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अब तक सिर्फ एक प्रत्यर्पण ही संभव हो सका है।हालांकि भगोड़े कारोबारी माल्या के प्रत्यर्पण की मांग को ब्रिटिश सरकार ने स्वीकार कर लिया है। इसके बाद स्थानीय संविधान के मुताबिक इस मामले को अदालत भेज दिया गया है।