लोकतंत्र में सरकारों की जवाबदेही जरूरी, उन्हें काम का हिसाब देना चाहिए: मोदी

नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो शो में 32वीं बार मन की बात की। सरकार के 3 साल पूरे होने पर उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में सरकारों को जवाबदेह होना जरूरी है, उन्हें अपने काम का हिसाब देना चाहिए।" मोदी ने मुसलमानों को रमजान की मुबारकबाद भी दी। कहा, "ये पवित्र महीना देश में शांति, एकता और सद्भाव को बढ़ाने में सहायक होगा।" परिवार की 3 पीढ़ी एक साथ योग करे, इसकी फोटो सुहाने कल की गारंटी…
– मोदी ने कहा, "21 जून अब जाना-पहचाना नाम है। ये तीसरा योग दिवस है। एक सुझाव आया है कि एक परिवार की तीन पीढ़ी एक साथ योग करे और उसकी फोटो अपलोड करे। ये तस्वीर सुहाने कल की गारंटी होगी। आज से प्रैक्टिस पर लग जाइए। एक जून से मैं लगातार योग के विषय पर ट्विटर पर कुछ न कुछ पोस्ट करता रहूंगा।"
हमें पेड़ लगाकर पर्यावरण को बचाना है
– मोदी ने कहा, "5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है। हमें पेड़ लगाकर पर्यावरण को बचाना है। हमारे पूर्वजों ने जो किया, उसका फायदा हमें मिल रहा है। अथर्ववेद में प्रकृति के बारे में कहा गया है। वेदों में धरती को बचाने के लिए कहा गया है।"

– "बुद्ध का जन्म, उन्हें ज्ञान और महापरिनिर्वाण पेड़ के नीचे ही हुआ था। कई समुदायों में प्रकृति जीवन का हिस्सा है। वर्षा आते ही वृक्षारोपण किया जाता है। कई जगह प्रोग्राम चलाए जाते हैं। हमें पेड़ लगाकर प्रकृति को बचाना है।"
सफाई पर मुहिम ने बड़ा रूप लिया
– मोदी ने कहा, "जब से आपने मुझे प्रधान सेवक की जिम्मेदारी दी है, लाल किले से स्वच्छता पर पहली बार बोलने के बाद से काफी फॉलो करते हैं।"
– प्रोग्राम के बीच में मुंबई से नैना ने कहा, "मोदी जी आप जहां जाते हैं, वहां लोग सफाई पर ज्यादा ध्यान देते हैं। काशी के घाट से शुरू हुई मुहिम एक बड़ा रूप ले चुकी है। अब लोग सड़क पर कचरे को लेकर टोकते हैं।"
– इस पर मोदी ने कहा, "मुझे इस बात की खुशी है कि मेरे जाने से भी स्वच्छता को जोड़ दिया गया है। इससे अच्छा क्या होगा कि हम कितना टन कूड़ा-करकट साफ करके गिफ्ट करेंगे। ये कूड़ा वेस्ट नहीं वैल्थ है। इसका वेस्ट मैनेजमेंट किया जा सकता है।"
– "दो प्रकार के कूड़ेदान नीला और हरा रखे जाएंगे। 4 हजार शहरों में कूड़ेदान रखे जाएंगे। गीले कूड़े को हरे और सूखे कचरे को नीले कूड़ेदान में डालना है। मुझे विश्वास है कि हम एक नया कल्चर डेवलप करेंगे। तभी गांधीजी का सपना पूरा हो पाएगा।"
– "एक बार कोई इंसान मन में ठान ले तो क्या नहीं कर सकता। मुंबई के गंदे वर्सोवा बीच से हजारों टन कूड़ा हटाकर साफ कर दिया गया। इसकी जिम्मेदारी वर्सोवा रेसिडेंशियल वेलफेयर ने संभाली। इसके लिए अफरोज शाह ने आंदोलन चलाया। उन्हें सम्मानित भी किया गया। जम्मू-कश्मीर के रियासी ब्लॉक को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है। इसके लिए महिलाओं ने घर-घर जाकर आंदोलन चलाया।"
सरकार के 3 साल पूरे होने पर थैंक्स
– मोदी ने कहा, "सरकार के तीन साल पूरे हो गए। 3 साल पहले आपने मुझे प्रधान सेवक बनाया। उन सब लोगों का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हमारे काम का अच्छा-बुरा आकलन किया। जो त्रुटियां बताई गईं, उनसे सुधार करने का मौका मिलेगा। कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिज्म विकास के लिए जरूरी है। सरकार को हर कसौटी पर परखा गया। सरकार को जवाबदेह होना चाहिए।" बता दें कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने 26 मई को ही तीन साल पूरे किए हैं।

आज सावरकर जयंती, सेलुलर जेल आजादी का तीर्थ है
– मोदी ने कहा, "आज वीर सावरकर की जन्म जयंती है। वे अंडमान में कैद थे। सेलुलर जेल को काला पानी क्यों कहा जाता था, ये वहां जाकर ही पता चलता है। वो आजादी का तीर्थ है। आज हम आजाद हिंदुस्तान में इसलिए सांस ले रहे हैं क्योंकि शहीदों ने आंदोलन चलाया।"
– "वीर सावरकर जेल की दीवारों पर लिखते थे। हिंदुस्तान का कोई भाषा बोलने वाला शख्स ऐसा नहीं रहा होगा जो सेलुलर जेल में न रहा हो।"
– प्रोग्राम के दौरान दीपा कत्याल ने कहा कि भारत को आजादी दिलाने में कितना संघर्ष करना पड़ा। जब मैंने पढ़ा तो भगत सिंह को जाना। आने वाली पीढ़ियों को इसके बारे में बताना चाहिए।
भारत में हर तरह की पूजा पद्धति वाले लोग
– मोदी ने कहा, "इस साल की गर्मी हम शायद ही भूल पाएंगे। बारिश का इंतजार हो रहा है। रमजान के मौके पर मैं दुनियाभर के मुस्लिमों को मुबारकबाद देता हूं। इस पवित्र महीने में स्प्रिचुएलिटी और प्रेयर को महत्व दिया जाता है। भारत वो देश है जहां हर प्रकार की पूजा पद्धति वाले लोग मिलते हैं। पूजा करने वाले और पूजा न करने वाले लोग रहते हैं।"
– "पिछली बार मैंने कहा था कि कन्फर्ट जोन से बाहर निकलें। बहुत लोगों ने मुझे फीडबैक दिया। किसी ने संगीत सीखने का प्रयास किया, कोई यूट्यूब से कुछ सीख रहे हैं, कुछ डांस तो कुछ ड्रामा सीख रहे हैं। कुछ प्रकृति से सीख रहे हैं।"
मन की बात ने हर घर का सदस्य बना दिया
– मोदी बोले, "मैं भी आपकी तरह सामान्य नागरिक हूं। आपकी तरह ही मुझ पर भी अच्छी-बुरी बात का असर होता है। मन की बात कार्यक्रम ने मुझे हर परिवार का सदस्य बना दिया है। ऐसा लगता है कि मैं परिवार के बीच बैठकर बात कर रहा हूं। हाल ही में मन की बात के लिए बुक निकाली गई। मैं राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और स्पीकर को धन्यवाद देता हूं।"
– "अबु धाबी में रहने वाले अकबर साहब मन की बात को कला का रूप देना चाहते हैं। वो भी बिना कोई पैसा लिए।"
अमित शाह ने झुग्गीवासियों के साथ सुनी मन की बात
– दिल्ली के आरके पुरम में रविदास आश्रम में अमित शाह ने झुग्गीवासियों के साथ मन की बात सुनी। इस मौके पर मनोज तिवारी समेत बीजेपी के अन्य नेता भी मौजूद थे।

ऐसे हुई थी मन की बात की शुरुआत

– लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 26 मई को मोदी के मन की बात प्रोग्राम पर एक किताब ‘मन की बात: ए सोशल रेवोल्यूशन ऑन रेडियो’ रिलीज की थी। इसकी एक कॉपी प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी को भी गिफ्ट की गई थी। इस किताब की प्रस्तावना जापान के पीएम शिंजो आबे ने लिखी है।
– इस किताब के मुताबिक, "अगस्त 2014 में मोदी अपने कुछ सहयोगियों के साथ बैठे थे। पीएम ने उस दौरान कहा कि वो रेडियो के जरिए देश के लोगों से संवाद करना चाहते हैं। इसके बाद ही मन की बात प्रोग्राम शुरू करने का फैसला लिया गया। हालांकि इसका नाम रखने-खोजने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।"

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